जयपुर. राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहा है. उसे हर बार मांग पूरी होने का आश्वासन भी मिलता है, लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं होती है. 20 दिन पहले भी कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन दिया था, उस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, इसलिए राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ के बैनर तले तकनीकी कर्मचारियों ने गांधीनगर कार्यालय पर प्रदर्शन किया.
जलदाय विभाग के तकनीकी कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन सभी तकनीकी कर्मचारी अतिरिक्त मुख्य अभियंता देवराज सोलंकी के कैबिन में पहुंचे और देवराज सोलंकी का घेराव कर नारेबाजी की. देवराज सोलंकी ने कर्मचारियों को 10 मार्च तक समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया है. कर्मचारियों का कहना है कि यदि 10 मार्च तक समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो आगे रणनीति बनाकर कार्रवाई की जाएगी.
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कर्मचारियों की निम्न मांगे है, जिसके लिए प्रदर्शन किया है...
- शहरी और ग्रामीण जल योजनाओं पर कार्य तकनीकी कर्मचारियों की संशोधित स्थाई वरिष्ठता सूची जारी की जाए.
- शहरी जल योजनाओं पर कार्यरत तकनीकी कर्मचारियों की पदोन्नति करवाई जाए. जिला वृत जयपुर के अधीन कर्मचारियों की डीपीसी पिछले 5 साल से भी अधिक समय से नहीं हुई है.
- अधीक्षण अभियंता की हठधर्मिता के कारण राज्य सरकार के निर्देशों की पालना नहीं की जा रही. पिछले कई सालों से कर्मचारियों की डीपीसी नहीं हुई, जिसके कारण वे अपने वर्तमान पद से ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं.
- यात्रा भत्ता, चिकित्सा बिलों पर अतिरिक्त बजट दिलवा कर भुगतान करवाया जाए. गंभीर बीमारी से ग्रसित कर्मचारियों के लिए अलग से बजट दिलवाया जाए.
- नियमित और स्थाई किए गए कर्मचारियों के सीपीएफ खाते की राशि को जीपीएफ खाते में स्थानांतरण करवाया जाए.
- बाहर से स्थानांतरित होकर आए कर्मचारियों के खाते में स्थानांतरित कराए जाए.
- तकनीकी कर्मचारियों से उनके पद के अनुसार कार्य कराया जाए.
- ठेकेदारों विभिन्न जल योजनाओं पर नियमानुसार कार्य नहीं कर राज्य सरकार को नुकसान पहुंचा रहे है. इसकी जांच करवाकर दोषी लोगों के विरुद्ध कार्रवाई करने की भी मांग की गई है.
- दूदू के अधीनस्थ जल योजना साखून में कार्यरत कर्मचारी मंगल चंद बुनकर के साथ मारपीट के मामले में भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, इसे लेकर भी कर्मचारियों में रोष है.
- जिस फर्म के कर्मचारियों ने मारपीट की, वह फर्म घटिया साम्रगी लगाकर अधिकारियों से मिलीभगत कर भ्रष्टाचार कर राह है. उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए.
- ठेकेदारों की ओर से जल योजनाओं पर नियम अनुसार कार्य नहीं कर राज्य सरकार को नुकसान पहुंचाया जा रहा है, इसकी भी जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.