जयपुर.राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय की ओर से तबादलों को लेकर विरोध जताया गया. संगठन की प्रदेश महिला मंत्री अरुणा शर्मा ने बताया कि प्रशासन द्वारा मनमाने तरीके से तबादले किए जा रहे हैं. शिक्षकों को चिन्हित करते हुए भीलवाड़ा और बाड़मेर जैसी जगह पर लगाया गया है, जिसका संगठन विरोध करता है.
तबादलों के विरोध में उतरा शिक्षक संगठन तबादलों को सही करने को लेकर 7 अक्टूबर को शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी दिया गया. लेकिन किसी तरह की कोई सुनवाई नहीं हुई. 10 अक्टूबर को जिला स्तर पर नई पेंशन योजना लागू करने, सामंत कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करने के साथ ही तबादलों की अनियमितता को दूर करने को लेकर प्रशासन को एक बार फिर से ज्ञापन दिया जाएगा.
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साथ ही अरुणा शर्मा ने कहा कि इसके बाद 14 अक्टूबर को बीकानेर में संगठन द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. अगर फिर भी सरकार की ओर से किसी तरह की सुध नहीं ली जाती है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. तबादलों में प्रतिबंध के बावजूद लगातार तबादला सूचियां जारी की जा रही है. स्कूलों में दोहरे पदस्थापन के साथ ही शून्य नामंकन पर भी शिक्षकों को लगाया गया है. हाल ही में राजधानी जयपुर के अमरसर गर्ल्स स्कूल में विज्ञान विषय में शून्य नामांकन है. लेकिन फिर भी विभाग ने वहां पर विज्ञान के तीन शिक्षकों को लगा दिया गया. अब सवाल ये उठता है कि आखिरकार ये तीनों शिक्षक किसे पढ़ाएं.
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साथ ही विभाग बिना किसी काम के इन शिक्षकों पर करीब ढाई लाख रुपए महीना खर्च करेगा. विभाग ने उन प्रिंसिपल और व्यख्याताओं का भी तबादला कर दिया जिन्होंने नामांकन बढ़ाने और स्कूल का विकास करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. यहां तक कि कई प्रिंसिपल ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपनी जेब से पैसा खर्च करके स्कूल की दशा बदली है. शिक्षक संगठन की प्रदेश महिला मंत्री अरुणा शर्मा के मुताबिक शिक्षा मंत्री ने सिर्फ डिज़ायर के आधार पर तबादले किए है. ऑनलाइन आवेदन तो सिर्फ दिखावा और वाहवाही लूटने का तरीका था. विभाग ने उन शिक्षकों को प्रताड़ित किया है जो बीजेपी विचारधारा से जुड़े है. शिक्षकों के तबादलों के चक्कर में स्कूल में अध्ययन भी बेपटरी हो गई है. क्योंकि कई शिक्षक अपना तबादला निरस्त करवाने के लिए मंत्री के चक्कर काट रहे हैं, इसलिए उन्होंने अभी तक ड्यूटी जॉइन ही नहीं की है.