जयपुर.एक तरफ सरकार संक्रमण रोकने के लिए आधे कर्मचारियों को घर से ही काम करने की छूट प्रदान कर रही है. वहीं अब मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भी सेंट्रल स्कूल और सीबीएसई स्कूलों के टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ को 31 मार्च तक घर से ही काम करने के आदेश जारी कर दिए है.
शिक्षकों को कोरोना से राहत हालांकि ज्ञात रहे कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से जुड़े हुए शिक्षक और कर्मचारियों के लिए ये आदेश लागू नहीं है. उन्हें अभी भी स्कूलों में उपस्थिति देनी होगी और घर घर जाकर कोरोना वायरस का सर्वे भी करना होगा. इस तरह के आदेश के बाद शिक्षकों में रोष है. शिक्षकों ने कहा कि इतनी विकट परिस्थितियों के बावजूद प्रदेश के साढे तीन लाख शिक्षक रोज स्कूल जा रहे है. अधिकांश पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग भी कर रहे हैं और रास्ते में बहुत से लोगों के संपर्क में आते हैं.
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प्रदेश के 65000 सरकारी स्कूलों में इन दिनों छुट्टियां चल रही है, सभी प्रकार की परीक्षाएं स्थगित हो चुकी है. इसलिए शिक्षकों ने संक्रमण रोकने के लिए अवकाश की मांग उठाई है. सरकार के 8 लाख कर्मचारियों में से करीब आधे यानी साढ़े तीन लाख तो शिक्षक कर्मचारी ही है. शिक्षकों के अनुसार, अवकाश घोषित कर शिक्षकों को संक्रमण से बचाया जा सकता है. राज्य सरकार ने कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए 14 विभागों को छोड़कर अन्य विभागों के ऑफिस कार्य 31 मार्च तक शटडाउन किए हैं. इन कार्यालय में रोटेशन के आधार पर अधिकतम 50 फ़ीसदी कर्मचारियों को बुलाया जाएगा.
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राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा ने बताया कि बड़ी संख्या में शिक्षक रोज पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसे बस, ट्रेन, मिनी बस और अन्य साधनों से स्कूल जाते हैं. इन कारण वे कई लोगों के संपर्क में आते है. इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. अगर स्कूलों में 30 मार्च तक अवकाश घोषित कर दिया जाए तो स्कूलों का कोई काम भी प्रभावित नहीं होगा.
वहीं शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा है कि जिन जिलों में कोरोना वायरस पॉजिटिव की संख्या अधिक है, उन जिलों में स्कूलों के बंद होने के साथ ही शिक्षकों का भी अवकाश किया जाता है, जिसमें झुंझुनू और भीलवाड़ा जिला शामिल है.