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Teachers Day 2022: शिक्षकों के सम्मान में भी निभाई गई औपचारिकताएं, उर्दू शिक्षक और तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने दर्ज कराया विरोध

राजधानी जयपुर में शिक्षक दिवस पर राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह कार्यक्रम का आयोजन हुआ. कार्यक्रम के दौरान कुछ शिक्षकों में उत्साह तो कुछ शिक्षकों में विरोध और निराशा भी देखने को मिली. जहां उर्दू शिक्षक ने शिक्षा मंत्री के उद्बोधन के दौरान ही उर्दू शिक्षा को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया. वहीं, सभागार के बाहर तृतीय श्रेणी शिक्षक अपने ट्रांसफर की गुहार लेकर पहुंचे.

Teacher Award Ceremony in Jaipur
जयपुर में शिक्षकों का सम्मान

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Published : Sep 5, 2022, 6:26 PM IST

Updated : Sep 5, 2022, 10:04 PM IST

जयपुर. शिक्षक दिवस के मौके पर जयपुर के बिड़ला सभागार में राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह (Teachers Day 2022) आयोजित हुआ. कार्यक्रम में बीते 5 सालों में शिक्षा के क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट कार्यों के आधार पर ब्लॉक स्तर से 1074 शिक्षक, जिला स्तर पर 99 और राज्य स्तर पर 98 शिक्षकों को सम्मानित किया गया. इसके अलावा शिक्षा विभाग के 6 अधिकारियों को भी सम्मानित किया गया. इससे पहले ही 3 वर्ष 11 महीने का अनुभव रखने वाली भरतपुर कामां की अध्यापिका भावना शर्मा का नाम राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में से काट दिया गया था.

कार्यक्रम के दौरान शिक्षा मंत्री डॉ बीडी कल्ला ने सभी शिक्षकों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शिक्षक ज्ञानवान और संस्कारवान होता है. इसीलिए उसे आने वाली पीढ़ी को अपना ज्ञान बांटना चाहिए. उन्होंने उम्मीद जताई कि शिक्षक अपनी कथनी और करनी में अंतर नहीं रखेंगे. ऐसा काम करेंगे जो आने वाली पीढ़ी के लिए अनुकरणीय और प्रेरणादाई हो. शिक्षकों को डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के दिखाए मार्ग पर चलकर आदर्श शिक्षक बनना चाहिए.

शिक्षकों के सम्मान के दौरान विरोध

राजधानी और आसपास के कुछ स्कूलों की बिगड़े हुए हालातों पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने हाल ही में स्कूलों के (Teacher Award Ceremony in Jaipur) विकास के लिए 400 करोड़ रुपए दिए हैं. समग्र शिक्षा के माध्यम से ऐसे स्कूल जहां कक्षा कक्ष की कमी है, उनका निर्माण कराया जा रहा है. इसके अलावा फर्नीचर, बिजली, पानी, लाइब्रेरी, लैब आदि का भी निर्माण किया जा रहा है. आने वाले कुछ सालों में समग्र रूप से शिक्षा का विकास कर पाएंगे.

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पहले ही बांटा गया प्रशस्ति पत्र और मोमेंटो : तीन कक्षा समूहों में कक्षा 1 से 5, कक्षा 6 से 8 और कक्षा 9 से 12 तक के शिक्षको (BD Kalla in Teacher Award Ceremony) सम्मानित किया जाएगा. सम्मानित होने वाले प्रत्येक शिक्षक को ब्लॉक स्तर पर 5100, जिला स्तर पर 11000 की पुरस्कार राशि प्रशस्ति पत्र और शॉल भेंट कर सम्मानित किया जाना है. जबकि राज्य स्तर पर 21000 रुपए की पुरस्कार राशि के साथ ही ताम्रपत्र, प्रशस्ति पत्र और शॉल प्रदान किए जाना है. हालांकि सम्मान समारोह में सम्मानित होने वाले शिक्षकों को पहले ही प्रशस्ति पत्र और मोमेंटो दे दिया गया और बाद में मंच पर बुलाकर तस्वीर खींचाने की औपचारिकता की गई. इसे लेकर नागौर, चित्तौड़गढ़ और दूसरे दूरस्थ जिलों से जयपुर आने वाले शिक्षकों को निराशा व्यक्त की. उन्होंने कहा कि जब 2 घंटे से ज्यादा समय का आयोजन हो सकता है तो कुछ समय और लेकर शिक्षकों को व्यक्तिगत नाम लेकर बुलाकर सम्मान देना बेहतर होता. इस पर शिक्षा मंत्री ने ये कहकर पल्ला झाड़ एक-एक शिक्षक को सम्मानित करने में समय ज्यादा लगता.

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उर्दू शिक्षा को नजरअंदाज करने का आरोप : कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला के उद्बोधन के दौरान उर्दू शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमीन कायमखानी ने प्रदेश में उर्दू शिक्षा को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए विरोध दर्ज कराया. जिन्हें जबरन सभागार से बाहर निकाला गया. उन्होंने कहा कि पिछले बजट में सीएम ने घोषणा की थी कि प्राथमिक स्तर पर 30 बच्चे यदि किसी स्कूल में उर्दू की शिक्षा के लिए नामांकित होते हैं, तो उस स्कूल में उर्दू का पद सृजित किया जाएगा. हर साल पांचवीं बोर्ड में तृतीय विषय के रूप में उर्दू की परीक्षा भी हो रही है. बावजूद इसके प्रदेश के स्कूलों में न तो उर्दू की किताबें हैं और न ही शिक्षकों के पद स्वीकृत किए गए हैं. इसलिए उर्दू तालीम बर्बाद हो रही है.

इस पर डॉ बीडी कल्ला ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि जहां उर्दू शिक्षा के कम से कम 30 विद्यार्थी हैं, वहां उर्दू शिक्षा दी जा रही है. जहां भी उर्दू शिक्षा में रुचि दिखाने वाले छात्रों की संख्या में इजाफा होगा तो उस पर भी विचार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस संबंध में स्टेज पर बुलाकर अमीन कायमखानी को कहा भी गया था कि शाम को इस पर विस्तार से चर्चा की जाएगी, लेकिन उनका मकसद केवल सीन क्रिएट कर नाम बताना था.

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ट्रांसफर की गुहार लेकर पहुंचे शिक्षक : कार्यक्रम के दौरान तृतीय श्रेणी शिक्षक भी ट्रांसफर की गुहार लेकर पहुंचे. लेकिन उन्हें सभागार में प्रवेश करने से पहले ही रोक दिया गया. ऐसे में शिक्षकों ने कहा कि तृतीय श्रेणी शिक्षकों की 85 हजार ट्रांसफर आवेदन आए हैं. बावजूद इसके सरकार उनका स्थानांतरण नहीं कर रही. 1 साल पहले आवेदन मांगे गए लेकिन कोई समाधान नहीं निकाला गया. इस पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि तबादला कोई अधिकार नहीं होता. फिर भी इसे लेकर एक पॉलिसी बना कर भेज दी गई है. इस संबंध में दूसरे राज्यों के तृतीय श्रेणी शिक्षकों के ट्रांसफर की पॉलिसी का भी अध्ययन किया जा रहा है और जल्द ही समाधान निकाला जाएगा. लेकिन थर्ड ग्रेड के टीचर भी जानते हैं कि उनकी सीनियरिटी जिला स्तर की है. जिस जिले के लिए चयनित होते हैं, वहीं उन्हें सेवा देनी होती है. बावजूद इसके दिव्यांग, कैंसर रोग पीड़ित, परित्यक्त और एकल महिला को ध्यान में रखते हुए जल्द कोई निर्णायक नीति लाएंगे.

कार्यक्रम में शिक्षा के बढ़ते कदम को लेकर शिविरा पंचांग का विशेषांक और मोबाइल एप्लीकेशन भी लांच की गई. इसे लेकर शिक्षा मंत्री ने कहा कि छात्रों के लिए कक्षा 1 से 8 तक पहले ब्रिज कोर्स शुरू किया गया. इसी क्रम में अब एप्लीकेशन भी तैयार की गई है, जो पुस्तकों से लेकर लर्निंग प्रोसेस के लिए फायदेमंद होगी.

अलवर में कायम की अनोखी मिसाल: अलवर जिला कलेक्टर जितेंद्र सोनी शिक्षक दिवस के मौके पर सोमवार को अलवर के मनु मार्ग हाउसिंग बोर्ड में रहने वाली 90 वर्षीय शीला गुप्ता व 92 वर्षीय सत्य पाल आर्य के घर पहुंचे. यहां कलेक्टर ने उनके पैर छुए, माला पहनाई व शॉल ओढ़ाकर प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया. इसके बाद उनसे बातचीत कर उनके कार्यों के अनुभव साझा किए. साथ ही स्कूल समय में अपने अनुभव उनको बताएं. जिला कलेक्टर ने कहा कि अलवर जिले में एक विशेष मुहिम शुरू की गई है. सभी ब्लॉक स्तर पर एसबीएम शिक्षकों के घर जाकर उनका सम्मान करेंगे. साथ ही जिला स्तर पर भी प्रशासनिक अधिकारी उनके घर पहुंच कर उनका मान बढ़ाएंगे. उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज को आईना दिखाता है. समाज को शिक्षित करता है. एक शिक्षक ही है जो व्यक्ति को उस मुकाम पर पहुंचाता है.

Last Updated : Sep 5, 2022, 10:04 PM IST

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