जयपुर. केंद्र सरकार के अधीन आने वाली पेंशन फंड विनियामक और विकास प्राधिकण के न्यू पेंशन स्कीम के दायरे में आने वाले राज्यांश और कर्मचारियों के अंशदान के 39 हजार करोड़ रुपए को केंद्र सरकार ने लौटाने से इनकार कर दिया है. केंद्र सरकार का यह फैसला सामने आने के बाद से कर्मचारियों में काफी नाराजगी है. इस मामले को लेकर 27 मई को (workers protest on 27 may) जिला मुख्यालयों पर कर्मचारी विरोध प्रदर्शन करेंगे.
गजट नोटिफिकेशन जारी हो- प्रदेश महामंत्री उपेन्द्र शर्मा ने बताया कि 2009 में यूपीए-2 की सरकार बनी. 2013 में सरकार ने भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से लोक सभा में पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण विधेयक (PFRDA) पारित किया था. जिसके बाद संगठन 2003 से ही न्यू पेंशन स्कीम (NPS) का लगातार विरोध कर रहा है. जब यह विधेयक लोकसभा में लाया गया, उस समय भी अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ और अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के आह्वान पर न्यू पेंशन स्कीम का पुरजोर विरोध किया गया. तभी से लगातार विरोध जारी है. उसी का नतीजा है कि राज्य सरकार को पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) बहाली का निर्णय लेना पड़ा .
सरकार ने 1 अप्रैल 2022 से राज्य कर्मचारियों के वेतन से न्यू पेंशन स्कीम (NPS) की कटौती तो बंद कर दी है, लेकिन पुरानी पेंशन बहाली का नोटिफिकेशन अभी तक जारी नहीं किया है. गजट नोटिफिकेशन की संगठन बार-बार मांग कर रहा है कि सरकारें कर्मचारियों के साथ किसी प्रकार का छलावा न करें.
शिक्षक संघ (शेखावत) का विरोध :सरकार ने एक अप्रैल 2022 से ओपीएस लागू करने की घोषणा की थी. केन्द्र सरकार के अधीन पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (PFRDA) की ओर से जनवरी 2004 के बाद से नियुक्त राजस्थान सरकार के कर्मचारियों की जमा राशि लौटाने से इन्कार करने का राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) ने कड़ा विरोध किया है.
27 मई को देशभर में जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन: कन्वेंशन में लिए गए निर्णय के अनुसार देशभर के कर्मचारियों ने 28-29 मार्च 2022 को दो दिन की हड़ताल में PFRDA को निरस्त कर पुरानी पैंशन बहाली की मांग की थी. अभी भी आन्दोलन जारी है, जिसके अगले चरण में 27 मई 2022 को देशभर के जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. इसी के साथ उन्होंने किसान आंदोलन की भी बात की.