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तमिलनाडु के सीएम ने अशोक गहलोत को पत्र लिखकर क्यों कहा- पटाखों पर बैन के फैसले पर करें फिर से विचार

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Published : Nov 6, 2020, 9:12 PM IST

तमिलनाडु के सीएम के पलानीस्वामी ने राजस्थान और उड़ीसा के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर अपने-अपने राज्यों में पटाखों पर बैन के फैसले पर फिर से विचार करने का आग्रह किया है. तमिलनाडु में पूरे देश के 90 प्रतिशत पटाखों का उत्पादन होता है और इससे 4 लाख लोग प्रत्यक्ष और 4 लाख लोग अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं.

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पलानीस्वामी का अशोक गहलोत को पत्र

जयपुर.तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने राजस्थान और उड़ीसा के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है. पलानीस्वामी ने अशोक गहलोत और नवीन पटनायक से पटाखों पर बैन के फैसले पर फिर से विचार करने की बात कही है. राजस्थान और उड़ीसा की सरकारों ने हाल ही में पटाखे बेचने और छुड़ाने पर बैन लगाया है. जबकि तमिलनाडु में पूरे देश के 90 प्रतिशत पटाखों का उत्पादन होता है.

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सुप्रीम कोर्ट ने फैसले का दिया हवाला

पलानीस्वामी ने लिखा कि "दिवाली पूरे देश में धूमधाम से मनाई जाती है. दीवाली के मौके पर देशभर में लोग पटाखे छुड़ाते हैं जो हमारे कल्चर का हिस्सा बन गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने भी 2018 के अपने जजमैंट में कहा था पटाखों के व्यवसाय से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से काफी लोगों को रोजगार मिलता है और ये दीवाली सेलिब्रेट करने का हिस्सा बने गए हैं, ऐसे में दीवाली के दिन केवल 2 घंटों के लिए सार्वजनिक स्थानों पर पटाखे छुड़ाने की अनुमति दी जानी चाहिए".

तमिलनाडु के 8 लाख लोग जुड़ें हैं पटाखों के व्यवसाय से

के पलानीस्वामी ने पत्र में लिखा कि "तमिलनाडु में देश के कुल 90 प्रतिशत पटाखों का उत्पादन होता है. इस व्यवसाय से राज्य के करीब 4 लाख लोग अप्रत्यक्ष और 4 लाख लोग प्रत्यश्र रूप से जुड़े हुए हैं. इन 8 लाख लोगों की जीवनयापन दिवाली पर पटाखों की बिक्री पर निर्भर होता है. राजस्थान और उड़ीसा में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए आपकी सरकारों ने पटाखों पर बैन लगाया है. जबकि ऐसी कोई स्टडी अभी सामने नहीं आई है जो ये कहती हो कि पटाखों से होने वाले प्रदूषण से कोरोना का संक्रमण ज्यादा फैलता है.

पलानीस्वामी ने आगे लिखा "तमिलनाडु में ग्रीन पटाखे भी बनाए जाते हैं जिनके उपयोग से किसी तरह का प्रदूषण नहीं होता है. मैं दोनों राज्यों की सरकारों से निवेदन करता हूं कि आप पटाखों पर बैन के निर्णय पर फिर से विचार करें".

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