जयपुर. प्रदेश में चल रहे सियासी उठापटक के बीच वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष रही सुमित्रा सिंह मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के समर्थन में आ गई हैं. सुमित्रा सिंह ने कहा है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब स्पीकर की शक्तियों में न्यायालय ने हस्तक्षेप करने की चेष्टा की है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में सुमित्रा सिंह ने यह भी कहा कि विधायकों को नोटिस भेजने का और कोई निर्णय लेने का अधिकार स्पीकर के पास है. मुझे लगता है कि हाईकोर्ट का निर्णय भी उनके पक्ष में ही आएगा.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में सुमित्रा सिंह ने प्रदेश में चल रहे मौजूदा हालातों पर चिंता भी जताई. सिंह ने ये भी कहा कि ये हालात प्रदेश की जनता के हित में नहीं हैं. क्योंकि आज सरकार भी बाड़ेबंदी में है और उपमुख्यमंत्री और बागी 19 विधायक भी बाड़ेबंदी में हैं, जिन्हें जनता के बीच सेवा के लिए मौजूद रहना चाहिए.
संविधान में सब के कार्य क्षेत्र में अलग-अलग
सुमित्रा सिंह के अनुसार संविधान में कार्यपालिका और विधायिका के कार्यक्षेत्र अलग-अलग हैं और अब तक सब अपने कार्य क्षेत्र में रहकर ही काम करते आए हैं, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि जो शक्तियां विधानसभा अध्यक्ष के पास हैं, उनमें भी न्यायपालिका ने हस्तक्षेप करने की चेष्टा की है. उनके अनुसार मौजूदा घटनाक्रम में तो यही लगता है. सुमित्रा सिंह ने कहा कि मौजूदा स्पीकर डॉ. सीपी जोशी ने सुप्रीम कोर्ट में जो एसएलपी दायर कराई है, वो मौजूदा समय में जोशी करवा सकते हैं, लेकिन उसे स्वीकार कर के उस पर कोई निर्णय लेना या नहीं लेना यह सुप्रीम कोर्ट का क्षेत्राधिकार है.