जयपुर. हजरत इमाम हुसैन की याद में मनाया जाने वाला मोहर्रम का त्यौहार अगर चांद नजर आता है तो 30 अगस्त को पूरे प्रदेश में मनाया जाएगा. इस त्योहार के मौके पर ताजियों का जुलूस राजस्थान में जगह-जगह निकाला जाता है, इस जुलूस में लाखों की तादाद में लोग शिरकत करते हैं. ताजिये के जुलूस के चलते राजस्थान और केंद्र सरकार की कोरोना गाइडलाइन के उल्लंघन होने का अनुमान लगाया जा रहा है. इसी के मद्देनजर पुलिस की ओर से ताजिये निर्माणकर्ताओं को नोटिस भी दिए जा रहे हैं.
जयपुर में ताजिया निर्माण और जुलूस पर रोक नोटिस में साफ कहा गया है कि इस बार किसी तरह से ताजिये का निर्माण नहीं किया जाए. अगर ताजिये का निर्माण किया जाता है, तो आपदा अधिनियम के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. बता दें कि इस्लामिक साल के पहले महीने की 10 तारीख को मोहर्रम का त्यौहार मनाया जाता है, इस दौरान ताजिया का जुलूस भी निकाला जाता है. राजधानी जयपुर में जगह-जगह पर ताजियों का निर्माण भी मोहर्रम के महीने में होता है और उनकी अलग-अलग मोहल्ले में रखा जाता है.
जयपुर में ताजिया निर्माण और जुलूस पर रोक पूरे साल पर ताजियों का निर्माण होता है और इस्लामिक साल के पहले महीने की 10 तारीख को इनकी जियारत करवाई जाती है. रामगढ़ थाने की डिप्टी सुभाष चंद्र जांगिड़ ने बताया कि मोहर्रम को लेकर हमारी तरफ से नोटिस नहीं दिए गए हैं, बल्कि पाबंद किया गया है कि इस बार किसी भी तरह के ताजियों का निर्माण नहीं करें. अगर कोई ताजियों का निर्माण करता है तो महामारी अधिनियम के तहत उस पर कार्रवाई की जाएगी.
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नोटिस में कहा गया है कि ताजिये निकालने से कोरोना का संक्रमण अधिक फैलने का अंदेशा है. इस महामारी को देखते हुए और गाइडलाइन के मुताबिक इस वर्ष ताजिए निकालने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा. नोटिस में किसी भी तरह से ताजिए निकालने और इस संबंध में किसी प्रकार की गतिविधि में भाग नहीं लेने के लिए पाबंद किया गया है. यदि कोई व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह या संस्था गाइडलाइन का उल्लंघन करती है, तो नियमानुसार महामारी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.