जयपुर. 8 मार्च को पूरे विश्व में महिला दिवस के तौर पर मनाया जाता है और आधी आबादी के तौर पर महिलाएं हमारे समाज और जीवन का एक मजबूत आधार भी है. महिलाओं के बिना इस दुनिया की कल्पना करना असंभव है. महिलाएं आज हर क्षेत्र में अपना वर्चस्व साबित कर रही है. एक ऐसी ही राजस्थान की महिला तीरंदाज है, जिन्होंने अपने तीर और कमान से सटीक निशाने लगाए और भारतीय टीम में अपनी जगह बनाई है.
हम बात कर रहे हैं राजस्थान की तीरंदाज स्वाति दूधवाल की, जिन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल अपने नाम किए हैं. साथ ही हाल ही में वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी भारतीय टीम में अपनी जगह बनाई है. चूरू के सुजानगढ़ की रहने वाली स्वाति पहले वालीबॉल खेला करती थी लेकिन इसके बाद उन्होंने आर्चरी यानी तीरंदाजी खेल को अपनाया और राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल अपने नाम कर देश का ही नहीं बल्कि राजस्थान का नाम भी रोशन किया. अब स्वाति की निगाहें तीरंदाजी में अपने सटीक निशानों के बलबूते अर्जुन अवार्ड और राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार पर भी हैं.
परिवार वालों का रहा सहयोग
स्वाति ने बताया कि उनके पिता चाहते थे कि वह एक खिलाड़ी बने ऐसे में सबसे पहले स्वाति ने वॉलीबॉल खेल खेलना शुरू किया लेकिन इसके बाद स्वाति ने तीरंदाजी खेल को अपनाया और स्टेट लेवल पर काफी मेडल भी जीते. स्वाति बताती है कि इस दौरान उनके परिवार वालों का पूरा सहयोग रहा और इसी की बदौलत आज खेल के क्षेत्र में वह एक अलग मुकाम बना पाई है और उन्हें खुशी है कि हाल ही में उनका सिलेक्शन एक बार फिर भारतीय टीम में किया गया है, जहां वह देश का प्रतिनिधित्व करेगी.
कई मेडल किए अपने नाम