जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के उन आदेशों की क्रियान्विति पर अंतरिम रोक लगा दी है जिसके तहत हाईकोर्ट ने वर्ष 2016 और वर्ष 2017 की तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती लेवल-2 में अंग्रेजी से अतिरिक्त स्नातक करने वाले 826 अभ्यर्थियों को नियुक्ति के बाद अपात्र घोषित कर दिया था. न्यायाधीश यूयू ललित, न्यायाधीश रविन्द्र भट्ट और न्यायाधीश बेला एम त्रिवेदी की खंडपीठ ने यह आदेश पवन स्वरूप गौड़ व अन्य की ओर से दायर एसएलपी पर दिया है.
हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 21 अगस्त 2018 और खंडपीठ ने गत 25 मार्च को इन अभ्यर्थियों को अपात्र घोषित कर दिया था. एसएलपी में अधिवक्ता विज्ञान शाह ने अदालत को बताया कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों में अतिरिक्त विषय से स्नातक करने का प्रावधान है. इसके तहत एक ही वर्ष में संबंधित विषय के तीनों साल के प्रश्न पत्र हल करने होते हैं. अतिरिक्त विषय के आधार पर बीएड में भी अध्ययन विषय चुना जाता है और शिक्षक पात्रता परीक्षा भी दी जाती है.