जयपुर.वन और वन्यजीवों की सुरक्षा करते हुए वन विभाग के कई कर्मचारी और अधिकारी शहीद हो गए. वन विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों के बलिदान को सम्मान देने के लिए 11 सितंबर को वन शहीद दिवस मनाया जाता है. वन शहीद दिवस के अवसर पर जल महल के सामने स्थित शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्नोई, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हॉफ) डीएन पांडे समेत अन्य अधिकारियों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किया.
इस अवसर पर शहीद वन कर्मियों के परिजनों को वन मंत्री और विभाग के अधिकारियों ने सम्मानित किया. शहीदों के लिए 2 मिनट का मौन रखा गया. जंगल घटते जा रहे हैं और आबादी बढ़ती जा रही है। ऐसे में वन और वन्यजीवों की सुरक्षा बड़ी चुनौती बना हुआ है। इस दौरान वन मंत्री ने कहा कि अगर जंगल और जंगली जीव सुरक्षित नहीं रहे तो आने वाले समय में वन्यजीव केवल म्यूजियम में ही देखने को मिलेंगे. राजस्थान में वन अपराधों में कमी आई है. वन विभाग के अधिकारी लगातार जंगलों की सुरक्षा में लगे हुए हैं. शिकार की घटनाएं भी अब कम हुई है.
लोगों में वनों के प्रति बढ़ा मोह
वन मंत्री सुखराम विश्नोई ने बताया कि वनों की सुरक्षा में शहीद हुए कर्मचारियों के परिजनों को प्रावधानों के अनुसार नौकरी दी गई है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में वन सुरक्षित है. कोरोना काल के दौरान लोगों में वनों के प्रति मोह बढ़ गया है. लोग पौधरोपण के लिए आगे आ रहे हैं. कोरोना संकट के दौर में ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए लोगों को महसूस हुआ है कि पेड़ ऑक्सीजन देते हैं और इनकी कितनी महत्वता है. मुख्यमंत्री ने औषधीय पौधों का महत्व समझते हुए घर-घर औषधि योजना की शुरुआत की है.
इम्यूनिटी पावर बढ़ाने के लिए औषधि पौधों का काफी महत्व है. लोगों में वनो और औषधीय पौधों के प्रति भावनाएं बढ़ी हैं. वन विभाग में चल रही स्टाफ की कमी की बात पर मंत्री ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया चल रही है. कोरोना की वजह से कई भर्तियां रुकी हुई है. जल्द ही वन विभाग की भर्ती प्रक्रिया पूरी होगी.
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