जयपुर. जयपुर हॉस्पिटल के वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉक्टर राजवेंद्र चौधरी ने एक किशोर के गर्दन का जटिल ऑपरेशन कर उसे नया जीवन दान दिया है. किशोर की सीवी जंक्शन एरिया (ब्रेन और सर्वाइकल स्पाइन का जंक्शन प्वाइंट) में गांठ होने से हड्डी की ग्रोथ हो गई थी. जिससे गर्दन टेढ़ी हो गई. साथ ही उसे चलने फिरने में भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था.
भरतपुर जिले की नदबई तहसील के गांव बरोलीछार के रहने वाले 16 साल के भरत कुमार की गर्दन टेढ़ी हो गई थी. भरत कुमार के पिता भगवान सिंह ने बताया कि बच्चे की गर्दन सीधी नहीं हो पाती थी और बहुत तेज दर्द होता था. इस कारण उसके बाईं तरह के पैर में कमजोरी आने के कारण चलने-फिरने में परेशानी हो रही थी. भगवान सिंह ने बताया कि उन्होंने 6 जून को भरत को जयपुर में महावीर नगर स्थित जयपुर अस्पताल के सीनियर न्यूरोसर्जन डॉ. राजवेंद्र सिंह चौधरी को दिखाया. डॉ. चौधरी ने सीटी स्कैन और एमआरआई कराने के बाद उसका ऑपरेशन करने की बात कही.
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डॉ. राजवेंद्र चौधरी ने बताया कि यह सर्जरी इतनी जटिल थी कि इसमें मरीज की जान जाने तक का खतरा था लेकिन परिजनों की सहमति से 8 जून को ऑपरेशन किया गया. उन्होंने बताया कि बच्चे के गर्दन में बाईं तरह सीवी जंक्शन एरिया में टीबी जैसी गांठ होने से हड्डी की ग्रोथ हो गई थी. जिससे स्पाइनल कॉर्ड पर दबाव पड़ रहा था. वहीं कम्प्रेशन लेफ्ट साइड में होने के कारण बांया पैर कमजोर होने लगा था. सर्जरी के दौरान गांठ को फिक्स किया गया. ये सर्जरी करीब 7 घंटे चली और पूरी तरह से सफल रही.