राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

Special: RAS 2018 की टॉपर शिवाक्षी खांडल और वर्षा शर्मा से सुनिए कामयाबी की कहानी

राजधानी जयपुर की शिवाक्षी खांडल (Shivakshi Khandal) और वर्षा शर्मा (Varsha Sharma) ने RAS 2018 परीक्षा में टॉप 10 में तीसरा और पांचवां स्थान हासिल कर परचम लहराया है. दोनों ही जेंडर इक्वलिटी (Gender equality), डिजिटलाइजेशन (Digitalization) और भ्रष्टाचार (Corruption) को दूर रखते हुए आमजन की सेवा करना चाहती हैं.

आरएएस टॉपर, Shivakshi Khandal, Varsha Sharma
टॉपर शिवाक्षी और वर्षा से सुनिए कामयाबी की कहानी

By

Published : Jul 14, 2021, 4:58 PM IST

Updated : Jul 14, 2021, 5:18 PM IST

जयपुर: बुधवार को उन परिवारों के लिए जश्न का दिन रहा, जहां से आरएएस के टॉपर्स निकले. RAS 2018 के परीक्षा परिणाम में जयपुर की शिवाक्षी खांडल ने प्रदेश में तीसरा स्थान हासिल किया है. दोनों ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की है. शिवाक्षी ने बताया कि शुरुआत में उन्होंने ये सोचा नहीं था कि उनका सिलेक्शन भी होगा. हालांकि पढ़ाई इंप्रूव की तो लगा कि रैंक अचीव कर सकती हैं. लेकिन टॉप 10 में जगह मिलेगी ये नहीं सोचा था. सिलेक्शन के बीच 3 साल के दौरान कोरोना काल भी रहा. जिसमें पेशेंस की भी टेस्टिंग हुई. कोशिश यही रही कि अवसाद से दूर रहें.

वर्षा शर्मा ने RAS 2018 परीक्षा में 5वीं रैंक हासिल की है. वर्षा पहले भी आरएएस क्वालीफाई कर चुकी हैं. इस बार रैंक सुधारने के लिए एग्जाम दिया था. अपनी इस कोशिश में वो कामयाब रहीं. वर्षा कहती हैं कि आरएएस एग्जाम ने धैर्य और नियमितता सिखाई है. कोरोना काल में इसका बहुत लाभ मिला.

टॉपर शिवाक्षी खांडल की सफलता की कहानी

पढ़ें:RAS 2018 Result : ईटीवी भारत पर देखें आरएएस 2018 के टॉपर्स की सक्सेस स्टोरी

प्रशासनिक अमले में फैल रहे भ्रष्टाचार पर शिवाक्षी ने कहा कि भ्रष्टाचार एक व्यक्तिगत मामला है. पूरे प्रशासन में भ्रष्टाचार व्याप्त नहीं है. कुछ लोगों की वजह से प्रशासन पर ये इल्जाम लगता है. उनके पूरे प्रयास रहेंगे कि वो आखिरी तक ईमानदार बनी रहें. यह अपेक्षा रहेगी कि सबडिवीजन एडमिनिस्ट्रेशन और कार्यालय के दूसरे साथी भी ईमानदारी से काम करें.

टॉपर वर्षा शर्मा की सफलता की कहानी

जेंडर इक्वलिटी (Gender equality)पर शिवाक्षी ने कहा कि जब भारत स्वतंत्र हुआ था, तब से लेकर अबतक महिलाओं की भागीदारी काफी बढ़ी है. अभी देश ओलंपिक में पार्टिसिपेट कर रहा है तो उसमें भी काफी महिला खिलाड़ी भाग ले रही हैं. ऐसे में लगता है कि देश धीरे-धीरे जेंडर इक्वालिटी की तरफ बढ़ रहा है.

शिवाक्षी ने यह भी कहा कि सब डिवीजन में जितने भी कार्यालय होंगे, उन्हें आमजन के लिए सुगम बनाना, डिजिटल करना लक्ष्य है. प्राथमिकता शिक्षा और चिकित्सा विभाग रहेंगे. 2 महीने पहले ही शिवाक्षी के पिता का निधन हो गया था. बीते 10 साल से वो बीमार थे. शिवाक्षी ने उनकी सेवा करते हुए अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाया और ये मुकाम हासिल किया. मां ने बताया कि शिवाक्षी ने पहले बीटेक किया था और कभी सोचा नहीं था कि वो इस फील्ड में आएगी. हालांकि जब शिवाक्षी ने अपना फील्ड चेंज किया तो उसमें पूरी तरह जुटी रही. पिता के देहावसान के बावजूद इंटरव्यू में खुद को संभाला. शिवाक्षी ने ना सिर्फ पढ़ाई की बल्कि परिवार को भी संभाला. इस नजरिए से भी ये बड़ा अचीवमेंट है.

पढ़ें:Exclusive : लक्ष्य तय कर लिया जाए तो न उम्र बाधा बनती है न शादी : RAS 2018 टॉपर मुक्ता राव

जयपुर की ही वर्षा शर्मा के घर पर भी जश्न का माहौल है. ईटीवी भारत से बातचीत में वर्षा ने बताया कि आरएएस परीक्षा से जुड़े कई विषय खुद स्ट्रेस मैनेजमेंट की सीख देते हैं. आरएएस का सिलेबस इस तरह डिजाइन किया गया है कि आप सिर्फ थ्योरिटिकल ही नहीं बल्कि प्रैक्टिकल लाइफ में भी इसे अप्लाई कर पाएं.

वर्षा शर्मा जेंडर इक्वलिटी, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा और बेरोजगारी पर काम करना चाहती हैं, क्योंकि उनके कई साथी और वो खुद इससे जूझ चुकी हैं. वर्षा के मुताबिक देश में बहुत हद तक जेंडर इक्वलिटी है. सरकार की भी काफी योजनाएं चल रही हैं. लेकिन कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पर काम करने की आवश्यकता है. जेंडर इक्वलिटी को सार्थक तभी माना जाएगा, जब लड़कियां ही नहीं लड़कों के मन में भी ये बात आएगी कि लड़कियां उनके बराबर हैं.

पढ़ें:RAS 2018 Result : अनलॉक के बाद सबसे बड़ी भर्ती का परिणाम जारी, झुंझुनू की मुक्ता राव बनीं टॉपर

प्रशासनिक अमले में भ्रष्टाचार को लेकर वर्षा ने कहा कि वो एक जनप्रतिनिधि के तौर पर काम करेंगी. ऐसे में उनका फोकस रहेगा कि कानूनी प्रक्रिया के दायरे में रहकर जो काम हो सकते हैं, उसे किया जाए. यह कोशिश रहेगी कि उनके क्षेत्र में भ्रष्टाचार के प्रकरणों पर मॉनिटरिंग कर उन्हें कम करें. वर्षा के पति और पिता भी उनके इस अचीवमेंट से काफी खुश नजर आए. उन्होंने इस उपलब्धि को एक सपना साकार होना बताया.

आरएएस 2018 की टॉप 10 सूची में 4 महिला अभ्यर्थियों ने अपना स्थान हासिल किया है. इस बार महिला अभ्यर्थी ही टॉपर रही हैं. हालांकि राजस्थान लोक सेवा आयोग ने अभ्यर्थियों के प्राप्तांक अभी जारी नहीं किए हैं.

Last Updated : Jul 14, 2021, 5:18 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details