जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट प्रशासन ने एक आदेश जारी कर प्रदेश के सभी अधीनस्थ अदालतों और अधिकारियों को सोमवार से शुरू करने के आदेश दिए हैं. हालांकि इन अदालतों के पीठासीन अधिकारी दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक अति आवश्यक मामलों की ही सुनवाई करेंगे. शेष समय अधिकारी अदालतों का प्रशासनिक कामकाज निपटाएंगे.
सोमवार से खुलेगें कोर्ट, लेकिन 2 घंटे ही होगी मामलों सुनवाई हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि निचली अदालतों में केवल आवश्यक कर्मचारियों को ही रोटेशन में बुलाया जाए और इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह पालना की जाए. लॉकडाउन के चलते अब तक जरूरी मामलों की सुनवाई के लिए एक एडीजे, एसीजीएम और एक महानगर मजिस्ट्रेट को नियुक्त किया गया था.
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दूसरी और वकीलों ने हाईकोर्ट के इस आदेश को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया है. वकीलों का कहना है कि कोरोना प्रदेश के अधिकांश जिलों में फैल चुका है. इसके अलावा शहर में भी है गंभीर स्थिति में आ चुका है. ऐसे में अदालतें खोलने का फैसला घातक हो सकता है.
डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के महासचिव गजराज सिंह ने बताया कि अदालतें खोलने के कारण हजारों लोग एकत्रित होंगे. जिससे संक्रमण गंभीर रूप से फैल सकता है. इसलिए हाइकोर्ट को अपने आदेश पर पुनर्विचार करना चाहिए.
वकीलों को आर्थिक मदद के लिए बार कौंसिल ऑफ इंडिया तैयार
लॉकडाउन के चलते प्रदेश के जरूरतमंद वकीलों को आर्थिक मदद के लिए बार कौंसिल ऑफ इंडिया तैयार हो गया है. बीसीआई की ओर से मदद के लिए को जल्द ही एक करोड़ रुपए की राशि बार कौंसिल ऑफ राजस्थान को हस्तांतरित की जाएगी.
बार कौंसिल राजस्थान की ओर से भेजे गए पत्र के बाद बार कौंसिल ऑफ इंडिया ने वकीलों की सहायता के लिए यह राशि देना तय किया है. इस संबंध में जल्द ही बीसीआई की ओर से पत्र लिखकर बीसीआर को सूचित किया जाएगा.
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गौरतलब है कि बार कौंसिल राजस्थान के कई सदस्यों ने कौंसिल अध्यक्ष को पत्र लिखकर आर्थिक रूप से कमजोर वकीलों को मदद की मांग की थी. वहीं बीसीआर अध्यक्ष की ओर से भी कमेटी गठित कर इस संबंध में सुझाव मांगा गया था.
कमेटी ने भी युवा और जरूरतमंद वकीलों को आर्थिक मदद का सुझाव दिया था. इसके बाद बार कौंसिल ऑफ राजस्थान ने बीसीआई को पत्र लिखकर कौंसिल के पास मौजूद बीसीआई के फंड से 3 करोड़ रुपए शिफ्ट करने को लेकर अपनी सहमति मांगी थी.