जयपुर. प्रदेश के सबसे बड़े कोविड डेडिकेटेड आरयूएचएस अस्पताल में 5 महीने तक लगातार ड्यूटी करने वाले सब इंस्पेक्टर सुंदर लाल आज पूरे जयपुर के चहेते बन चुके हैं. पुलिस का काम कानून- व्यवस्था को बनाए रखने का होता है, लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना काल में राजस्थान पुलिस ने कानून-व्यवस्था के साथ-साथ मानवता के हित में सैकड़ों कार्य किए.
जब कोरोना का दौर शुरू हुआ और अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों की तादाद बढ़ने लगी तो चिकित्सा कर्मियों के साथ ही पुलिसकर्मियों की ड्यूटी भी अस्पताल में लगाई गई. इस दौरान पुलिसकर्मियों ने मानवता के हित में अनेक उदाहरण पेश किए.
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जयपुर के प्रतापनगर थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर सुंदर लाल को 10 अप्रैल को एक आदेश मिला, जिसमें उन्हें उनकी टीम के साथ राजस्थान के सबसे बड़े कोविड डेडिकेटेड आरयूएचएस अस्पताल में ड्यूटी करने को जाने के लिए कहा गया. सब इस्पेक्टर सुंदरलाल को उनकी टीम के साथ सिर्फ 14 दिन के लिए भेजा गया था, लेकिन यह ड्यूटी 5 महीने लंबी हो गई.
इन 5 महीनों के दौरान सब इंस्पेक्टर सुंदर लाल ने कभी भी खुद को और उनकी टीम को कमजोर महसूस नहीं होने दिया. उन्होंने ना केवल कोरोना संक्रमित मरीजों की हौसला अफजाई करने का काम किया बल्कि चिकित्साकर्मियों को भी विभिन्न कविताओं और गीतों के माध्यम से लगातार प्रेरित किया.
रात को कार में सोते और फिर सुबह उठकर ड्यूटी में जुट जाते...
सब इंस्पेक्टर सुंदरलाल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि जब उनकी ड्यूटी कोविड डेडिकेटेड आरयूएचएस अस्पताल में लगाई गई तो मन में कोरोना को लेकर एक डर उत्पन्न हुई. लेकिन उन्होंने खुद को और उनकी टीम को इसके लिए मजबूत किया. ड्यूटी के शुरुआती दिनों में अस्पताल में रहने की कोई व्यवस्था नहीं होने पर रात में अपनी कार में ही सोते और फिर सुबह नहा धोकर फिर से अपनी ड्यूटी में जुट जाते.
धीरे-धीरे उन्होंने अस्पताल प्रशासन के साथ नजदीकियां बढ़ाई और फिर अस्पताल में ही रहने के लिए एक कमरा खुलवा लिया, जिसमें वह अपनी टीम के साथ रह सके. ड्यूटी के शुरुआती 15 दिन अंदरूनी तौर पर कमजोर करने वाले थे क्योंकि हर कोई कोरोना से भयभीत था. वहीं, हर कोई पुलिस से ही आस लगाए बैठा था जिसके चलते सब इस्पेक्टर सुंदर लाल ने खुद को और अपनी टीम को मजबूत किया.
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इसके बाद उन्होंने धीरे-धीरे मरीजों से बातचीत करना शुरू किया और उनकी समस्याएं जानना शुरू किया. वहीं चिकित्सकों से बेहतरीन तालमेल बिठाते हुए उन्होंने मरीजों के मन से कोरोना का खौफ कम करने का काम किया.
अपने खर्चे से मरीजों को भिजवाया घर...
सब इस्पेक्टर सुंदर लाल ने बताया कि कोरोना संक्रमित जो भी मरीज इलाज के बाद स्वस्थ हो गए उन्हें उनके घर तक भिजवाने की जिम्मेदारी भी पुलिस ने उठाई. डिस्चार्ज होने वाली लोकल व्यक्ति को एंबुलेंस के जरिए घर भिजवाया जाता, तो वहीं जो दूसरे शहर के मरीज से उन्हें प्राइवेट एंबुलेंस करके उनके घर तक भिजवाने की जिम्मेदारी पुलिस ने उठाई.