जयपुर.यूक्रेन से जयपुर लौटे छात्रों ने कहा कि वहां एक भी दिन और रुक जाते तो पता नहीं क्या होता. छात्रों ने कहा कि गुरुवार सुबह जैसे ही दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचे और मोबाइल ऑन किया तो वहां बम धमाकों के वीडियो ने डरा दिया. यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे राजेश चौधरी ने बताया कि कल तक (Rajasthan Students on Ukraine Situation) वहां पर माहौल शांत था, लेकिन जैसे ही हम वहां से रवाना हुए और दिल्ली पहुंचे, इस बीच वहां के हालात बहुत ज्यादा चिंताजनक हो गए.
हमने सुबह अपने मोबाइल ऑन किया तो वहां से हमारे दोस्तों ने बमबारी के वीडियो हमें भेजे. वहां पर कुछ दोस्त हैं हमारे, जिन्होंने बताया कि वहां पर इस समय 20-25 मिनट में एक बम ब्लास्ट हो रहा है. लगातार वहां पर तनावपूर्ण हालात बनते जा रहे हैं. राजेश ने कहा कि पिछले एक-डेढ़ महीने से इस तरह का माहौल बन रहा था, लेकिन वहां की यूनिवर्सिटी पढ़ाई को ऑफलाइन जारी रखा. ऑनलाइन नहीं किया, जिसकी वजह से हम वहां से आ नहीं पा रहे थे.
हालांकि, भारतीय दूतावास ने हमसे कहा था कि कोई जाना चाहे तो जा सकता है, लेकिन हम पढ़ाई के आगे कुछ नहीं कर पा रहे थे. दूसरे स्टूडेंट पिंटू चौधरी बताते हैं कि एक ही दिन में इस तरह से माहौल बदल जाएगा ऐसा सोचा नहीं था. एक दिन भी और रुक जाते तो पता नहीं क्या होता. कल से आज का माहौल बहुत ज्यादा चिंताजनक हो गया है. ब्लास्ट की न्यूज लगातार मिल रही है. वहां से दोस्त बता रहे हैं कि एयरपोर्ट के आसपास ब्लास्ट हुआ है, जिससे फ्लाइट रद्द कर दी गई है. जिसकी वजह से अब वहां के स्टूडेंट्स की चिंता ज्यादा बढ़ गई है. वह कैसे अब अपने वतन वापस लौटेंगे. पिंटू बता रहे थे कि वहां की सरकार ने कोई सहयोग नहीं किया है. यहां की सरकार ने जरूर हमें मदद की है.
दिल्ली से हम यहां तक पहुंचे हैं, लेकिन अभी भी वहां पर (Rajasthan Students Trapped in Ukraine) बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स फंसे हुए हैं. उनको लाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. हम खुद अपने खर्चे से यहां पर आए हैं और खर्चा भी अब 2 से 3 गुना हो गया है. 60 हजार किराया देकर वह वापस लौटे हैं. पिंटू ने कहा कि आज सुबह से वहां पर कई बार बम ब्लास्ट हो चुके हैं. हमारी सरकार से अपील है कि वहां पर फंसे साथियों को जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी वहां से वापस लेकर आएं. पिंटू ने बताया कि जिस यूनिवर्सिटी में पढ़ता हूं, उसमें ढाई सौ से ज्यादा स्टूडेंट है. बहुत कम बच्चे हैं जो वहां से निकल पाए हैं. मनोज चौधरी ने कहा कि सबसे पहले वहां पर जो हमारे साथी हैं, उनको वहां से जल्दी से जल्दी निकाला जाए. वह तो बहुत ही ज्यादा पैनिक हो रहे हैं. उनके साथ ही उनके पेरेंट्स वह भी बहुत ज्यादा पैनिक हो रहे हैं.