राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

जयपुरः स्कूल ऑफ आर्ट के स्टूडेंट्स का विरोध 20वें दिन भी जारी, प्राचार्य को हटाने की मांग - स्कूल ऑफ आर्ट के स्टूडेंट्स कर रहे विरोध प्रर्दशन

जयपुर में राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट के विद्यार्थी गैर ललित कला की प्राचार्य को हटाने की मांग कर रहे है. इसी के तहत विद्यार्थीयों का धरना प्रर्दशन बुधवार को 20वें दिन भी जारी रहा.

राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट,  Rajasthan School of Art,  स्टूडेंट्स का विरोध 20वें दिन भी जारी,  Students protest continues on 20th day
स्कूल ऑफ आर्ट के स्टूडेंट्स का विरोध 20वें दिन भी जारी

By

Published : Nov 27, 2019, 11:46 PM IST

जयपुर.राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट के विद्यार्थियों का धरना बुधवार को 20वें दिन भी जारी रहा. विद्यार्थियों ने बुधवार को कॉलेज के बाहर ताला लगाया और वहीं सड़कों पर बैठकर विरोध प्रदर्शन किया.

स्कूल ऑफ आर्ट के स्टूडेंट्स का विरोध 20वें दिन भी जारी

दरअसल, ये छात्र कॉलेज में कला के विशेषज्ञ शिक्षकों को लगाने और गैर ललित कला की प्राचार्य को हटाने की मांग कर रहे है. इससे तीन महीने पहले भी इन स्टूडेंट ने प्रदर्शन किया था. तब आयुक्तालय ने कॉलेज से अन्य विषय के शिक्षकों को यहां से हटा दिया था. लेकिन कोर्ट के आदेश से फिर से प्राचार्य बहाल हो गई है.

पढ़ेंः जयपुर के होटल में जिस्मफरोशी का भंडाफोड़, 3 विदेशी युवतियों सहित 4 युवक गिरफ्तार

स्टूडेंट्स का कहना है कि ड्राइंग पेंटिंग ऐसा विषय है जहां प्राचार्य से लेकर शिक्षक फाइन आर्ट से होना चाहिए, ताकि स्टूडेंट्स को बेहतरीन शिक्षा मिल सकें. स्टूडेंट के साथ कॉलेज के एलुमनाई भी बड़ी संख्या में जुड़कर प्रदर्शन कर रहे है. स्टूडेंट्स की मांग को लेकर प्राचार्य का कहना है कि वे सरकार की ओर से अपनी योग्यता से नियुक्त है. पिछले 10 सालों से नियुक्त अन्य विषयों के प्राचार्य पर भी कभी कोई सवाल खड़े नहीं किए गए फिर एकाएक आंदोलन क्यों किए जा रहे है.

पढ़ेंः भाजपा मुद्दा आधारित राजनीति नहीं करके लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर रही हैः सीएम गहलोत

वहीं, कला जगत से जुड़े हुए रिटायर्ड प्रोफेसर ने भी प्राचार्य की नियुक्ति को गलत माना है. रिटायर्ड प्रोफेसर विद्यासागर उपाध्याय का कहना है कि यदि राजस्थान के एकमात्र कला स्कूल में इस तरह से मिलीभगत और मनमानी चलेगी तो कला पर इसका असर पड़ेगा. प्रोफेसर उपाध्याय ने कहा कि कॉलेज का प्रिंसिपल भी कला को जानने वाला होना चाहिए ना कि किसी अन्य विषय के प्राचार्य को नियुक्त करना चाहिए.




ABOUT THE AUTHOR

...view details