जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय से इतिहास विभाग में पीएचडी कर रहे चार स्कॉलर्स के स्कॉलरशिप में 18 लाख रुपए की गड़बड़ी मिली है. बताया जा रहा है कि स्कॉलर्स ने विभागाध्यक्ष के हस्ताक्षर के बिना ही 15 महीनों की यूजीसी के लिए स्कॉलरशिप निकाल ली है.
शोधार्थियों ने गांधी अध्ययन केंद्र से अगस्त 2016 में एमफिल किया और नवंबर 2017 में इतिहास विभाग में पीएचडी के लिए प्रवेश लिया. ऐसे में विभागाध्यक्ष ने आरोप लगाया है कि शोधार्थियों ने बिना विभागाध्यक्ष के हस्ताक्षर के फेलोशिप लिया, जो एक बड़ी वित्तीय अनियमितता है.
स्कॉलर्स ने विभागाध्यक्ष हस्ताक्षर के बिना लिया स्कॉलरशिप विभागाध्यक्ष प्रो.पूनिया का कहना है कि चार स्कॉलर्स ने बिना विभागाध्यक्ष के हस्ताक्षर के यूजीसी के लिए स्कॉलरशिप लिया. मामले को लेकर कुलपति को पत्र लिखा, जिसके बाद कुलपति ने कमेटी का गठन किया है, जिसमें एसएल शर्मा को कन्वीनर बनाया गया है.
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फिलहाल, विभागाअध्यक्ष ने शोधार्थियों के खिलाफ विश्वविद्यालय प्रशासन को शिकायत दर्ज करावा दिया है. शिकायत दर्ज किए जाने के बाद कुलपति ने रिसर्च डायरेक्टर को जांच के आदेश दिए हैं. इसके बावजूद भी अभी तक किसी प्रकार की कोई जांच नहीं हुई है. ऐसे में ये अंदेशा लगाया जा रहा है कि इसमें विश्वविद्यालय के अधिकारियों की भी मिलीभगत हो सकती है. मामले में कुलपति आरके कोठारी का कहना है कि जांच की जा रही है और जो भी दोषी होगा उसकी जिम्मेदारी तय की जाएगी.