जयपुर.उर्दू भाषा को समाप्त करने और मदरसा पैराटीचर्स को नियमित करने की मांग को लेकर उर्दू शिक्षक और मदरसा पैराटीचर्स जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर रहे थे. वे चाह रहे थे कि उनकी वार्ता मुख्यमंत्री से हो जाए, लेकिन मुख्यमंत्री से उनकी बात नहीं हो पाई. वे लगातार 18 जनवरी से जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे रहे.
जुमे की नमाज के बाद सीएम हाउस की तरफ किए थे कूच वहीं शुक्रवार को उनके सब्र का बांध टूट गया और जुमे की नमाज के बाद वे मुख्यमंत्री आवास की तरफ कूच करने लगे. उर्दू शिक्षक और मदरसा पैराटीचर्स जयपुर जिला कलेक्ट्रेट से पहले शहीद स्मारक पहुंचे और यहां शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी. शहीद स्मारक से कमिश्नरेट, चौमूं हाउस सर्किल होते हुए उर्दू शिक्षक और मदरसा पैराटीचर्स सिविल लाइन्स फाटक पहुंचे, यहां पुलिस ने उन्हें रोक लिया.
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पुलिस और उर्दू शिक्षकों की नोक-झोंक भी हुई. हालांकि कुछ देर बाद मामला शांत हो गया. उर्दू शिक्षक और मदरसा पैराटीचर सिविल लाइंस फाटक पर धरने पर बैठ गए. इसके बाद एक प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए सीएमआर भी ले जाया गया. मुख्यमंत्री आवास पर आरएएस अधिकारी शाहीन अली से उनकी मांगों पर चर्चा की गई.
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राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमीन कायमखानी ने कहा कि उर्दू को बंद कर 8 लाख बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों की उर्दू शिक्षा को बंद कर दिया गया है. सरकारी स्कूलों में अब तक उर्दू भाषा की किताबें तक नहीं पहुंची है. अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद मदरसा पैरा टीचर्स के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. पैदल कूच में महिलाएं और बच्चे भी शामिल रहे.
गौरतलब है कि जयपुर कलेक्ट्रेट पर शिक्षकों का चल रहा पांच दिवसीय धरना शुक्रवार को सीएम आवास की तरफ कूच करने के बाद समाप्त हो गया. दरअसल, सचिवालय में प्रदर्शनकारियों और अधिकारियों संग वार्ता हुई, वार्ता के बाद सचिवालय की ओर से उन लोगों को आश्वासन मिला और वे लोग धरना प्रदर्शन समाप्ति की घोषणा कर दिए. यह जानकारी राजस्थान मदरसा पैराटीचर्स संघ के प्रदेशाध्यक्ष मसूद अख्तर ने दी.