जयपुर.ग्रेटर नगर निगम में महापौर और तीन पार्षदों को निलंबित करने के बाद राज्य सरकार ने शील धाभाई को कार्यवाहक महापौर बनाकर एक तीर से दो निशाने साधे हैं. एक तो डॉ. सौम्या गुर्जर को हटाने के कारण गुर्जर समाज में जो नाराजगी उभरी थी, उसे साधने का काम किया. दूसरी तरफ बीजेपी की एकता को भी टटोलने का काम किया है.
पढ़ेंःगहलोत सरकार ने BJP की शील धाबाई को बनाया ग्रेटर नगर निगम की कार्यवाहक महापौर
राज्य सरकार ने बीजेपी की वरिष्ठ पार्षद और पूर्व मेयर शील धाभाई को कार्यवाहक महापौर बनाया है. शील धाभाई का नाम चुनाव के वक्त से ही महापौर के लिए चल रहा था. लेकिन नामांकन के आखिरी मौके पर बीजेपी ने उनका नाम काटकर डॉ. सौम्या को मेयर का उम्मीदवार बनाया था. इसे लेकर शील धाभाई अंदर खाने काफी नाराज भी चल रही थीं.
इसी नाराजगी को भुनाने की कोशिश अपनी रणनीति में यूडीएच मंत्री ने की है. धारीवाल ने राजनीतिक दांव खेलते हुए आदेशों के माध्यम से ये भी स्पष्ट कर दिया कि उपमहापौर पुनीत कर्णावट सामान्य वर्ग में है, इसलिए उन्हें कार्यवाहक महापौर नहीं बनाया जा सकता. ग्रेटर निगम में बीजेपी का बोर्ड है. ऐसे में किसी भी तरह के विवाद से बचने के लिए धाभाई को महापौर बनाया गया है. गहलोत सरकार के इस कदम को कोर्ट में अपना पक्ष मजबूत करने के तौर पर भी देखा जा रहा है.