जयपुर. सीआरपीएफ बटालियन में उस वक्त जबरदस्त हड़कंप मच गया जब जोरदार चक्रवर्ती तूफानी हवाओं के साथ बारिश होने लगी. 15 मिनट तक लगातार हुई तेज तूफानी हवाओं ने कैंपस की हरियाली को उजाड़ दिया. इस तूफान में कैंपस में लगे सैकड़ों विशाल वृक्ष धराशाई हो गए और जवानों के कई आशियाने भी उजड़ गए. इस दौरान कैम्पस में भगदड़ मच गई.हालांकि गनीमत रही कि तूफान में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई.
जयपुर में आए आंधी-तूफान ने सीआरपीएफ कैंपस में मचाया कहर बता दें कि इस तूफान में सीआरपीएफ जवानों की जान बाल-बाल बची. अचानक आए तेज तूफान ने कैंपस में दहशत का माहौल बना दिया. सभी जवान अपने टेंटों से बाहर निकल गए. जवानों की सूझबूझ से जनहानि नहीं हुई. हालांकि इस तूफान में कैंपस में खड़ी कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई. वहीं बिजली के खंभे गिरने से बिजली सप्लाई भी बंद हो गई.
कैंपस में शास्त्र ग्रह भी इस तूफान की चपेट में आ गया. शस्त्र ग्रह की छत तूफान में उठ गई. जिससे वहां पर रखे हथियार भी पानी में भीग गए. जवानों ने हत्यारों को बाहर निकाल कर दूसरी जगह शिफ्ट किया. सीआरपीएफ की रैपिड एक्शन फोर्स के कमांडेंट लीलाधर महरानिया ने कैंपस का निरीक्षण कर पूरे नुकसान की जानकारी ली.
कमांडेंट ने कैंपस में व्यवस्थाओं को वापस सुचारू करने के लिए निर्देश दिए और पेड़ों को साइड में उठाकर रास्तों को साफ करने का काम शुरू करवाया. इसके साथ ही जिन जवानों के टेंट और बेरक की छतें तूफान में उड़ गई या पेड़ों के गिरने से क्षतिग्रस्त हुई, उनको रिपेयर करने का काम भी शुरू करवाया गया. वहीं बिजली सप्लाई के लिए बिजली लाइनों को रिपेयर करने का काम भी शुरू कर दिया गया है.
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कमांडेंट लीलाधर महारानियां ने बताया कि मंगलवार शाम को अचानक ही तेज हवाओं के साथ बारिश हुई जिसमें कई बड़े-बड़े पेड़ नीचे गिर गए. देखते ही देखते कैंपस में सैकड़ों पेड़ उखड़ गए. पेड़ों के गिरने से सीआरपीएफ कैंपस में बने जवानों के टेंट और वाहन क्षतिग्रस्त हो गए. हालांकि गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई. कैम्पस में बनी बैरक की छतें भी आंधी के साथ ही उड़ गई. कैंपस में लगे बिजली के पोल भी गिर गए जिससे बिजली सप्लाई बंद होने से जवानों और अधिकारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा.
उन्होंने बताया कि कैंपस के अलावा और कहीं इतना ज्यादा नुकसान नहीं हुआ जितना कैंपस में हुआ है. अब सीआरपीएफ के कैंपस में राहत कार्य शुरू कर दिया गया है. बटालियन के जवान पेड़ों को हटाने में लगे हुए हैं. साथ ही बिजली की लाइन भी रिपेयर करने का काम शुरू कर दिया गया है. जब तक बैरक रिपेयर नहीं हो जाती तब तक जवानों के लिए अलग से टेंट की व्यवस्था की गई है.