जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश में आग बुझाने के लिए 32 मीटर से ऊंची हाइड्रोलिक सीढ़ी नहीं आने तक नई 32 मीटर से ऊंची इमारतों के निर्माण की मंजूरी नहीं देने के आदेश को बरकरार रखा है. इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार की ओर से पेश पालना रिपोर्ट को अधूरी मानते हुए 23 सितंबर को पालना रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है.
न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश कुणाल रावत की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए हैं. याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि अदालती आदेश की पालना में सत्तर मीटर ऊंची एक और साठ मीटर ऊंची चार एरियर हाइड्रोलिक सीढिय़ां खरीदने के लिए टेंडर जारी हो गए हैं. वहीं अग्निशमन विभाग में खाली पदों पर भर्ती नहीं होने तक होमगार्ड, रिटायर्डकर्मी व प्लेसमेंट एजेंसी की सेवाएं लेने को राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है. सरकार ने बजट में भी सौ नए फायर वाहनों के खरीद की घोषणा की है.
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राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि गत वर्ष आगजनी की घटनाओं से 28 करोड रुपए का नुकसान हुआ था और 11 लोगों की मौत हुई थी. इसके अलावा राज्य में 200 फायर सेफ्टी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट भी चलाए जा रहे हैं.च ऐसे में 32 मीटर ऊंचे भवनों के निर्माण की मंजूरी देने पर लगी रोक हटाई जाए. राज्य सरकार ने रिपोर्ट में कहा कि राज्य में 32 मीटर ऊंचाई से ज्यादा की 1047 इमारतें हैं. जिनमें से 489 बन चुकी हैं और 558 में निर्माणाधीन हैं. जयपुर में नक्शे पास हुई 803 इमारतों में से 403 निर्माणाधीन हैं, जोधपुर में 87 में से 87 ही निर्माणाधीन हैं, कोटा में 83 में से 38 निर्माणाधीन हैं व भिवाडी में 67 में से 23 इमारतें निर्माणाधीन है.
NEET काउन्सलिंग में विद्यार्थी को भूतपूर्व सैनिक कोटे का मिले लाभ-HC
वहीं राजस्थान हाईकोर्ट ने एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए आयोजित नीट काउन्सलिंग में याचिकाकर्ता को भूतपूर्व सैनिक कोटे के आरक्षण का लाभ देने को कहा है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को मेरिट के आधार पर कॉलेज आवंटन के भी आदेश दिए हैं. यह आदेश न्यायाधीश आलोक शर्मा की एकलपीठ ने निशा शेखावत की ओर से दायर याचिका को स्वीकार करते हुए दिए हैं.