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National Organ Donation Day : जानिए देश और राजस्थान में क्या है अंगदान की स्थिति - etv bharat rajasthan news

27 नवंबर को राष्ट्रीय अंगदान दिवस के रूप में मनाया जाता है. मौजूदा समय में देश में अंगदान की स्थिति की बात की जाए तो अभी भी सरकार आमजन को अंगदान के प्रति जागरुक करने का प्रयास कर रही है. जबकि मौजूदा समय में ऐसे मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है जिन्हें अंगों की आवश्यकता है.

National Organ Donation Day
National Organ Donation Day

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Published : Nov 27, 2021, 6:04 AM IST

जयपुर.आज राष्ट्रीय अंगदान दिवस है. स्टेट ऑर्गन टिशु एंड ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (SOTTO) की बात करें तो प्रदेश में सोटो की ओर से अंगदान के प्रति आमजन को जागरूक करने के लिए काफी कार्यक्रम किए जा रहे हैं. बावजूद इसके अभी भी आमजन में अंगदान को लेकर जागरूकता नहीं आ पाई है.

देश में अंगों की कमी के कारण हर साल बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो जाती है. अंगदान के प्रतिशत की बात की जाए तो यह आंकड़ा काफी चौंकाने वाला है. क्योंकि देश में सिर्फ .08 प्रतिशत अंगदान का रेश्यो है. जिन मरीजों को अंगों की आवश्यकता है उनकी संख्या हर दिन लगातार बढ़ती जा रही है.

National Organ Donation Day

राजस्थान की स्थिति

अंगदान को लेकर राजस्थान की मौजूदा स्थिति की बात करें तो बीते कुछ समय से लोगों में अंगदान को लेकर जागरूकता (organ donation awareness in Rajasthan) आई है. सोटो के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ अमरजीत मेहता का कहना है कि आज भी राजस्थान में अंगदान की मुहिम परवान चढ़ सके, इसे लेकर स्टेट ऑर्गन टिशु एंड ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन की ओर से अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. ताकि लोगों में जागरूकता बढ़ सके.

राजस्थान में अंगदान की स्थिति

सोटो के नोडल ऑफिसर डॉक्टर मनीष शर्मा का कहना है कि आमतौर पर हार्ट और लिवर ट्रांसप्लांट आमतौर पर कॉरपोरेट हॉस्पिटल्स में किए जाते थे, लेकिन जयपुर के सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज में हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया और उत्तर भारत का सरकारी क्षेत्र का यह पहला हॉस्पिटल बना.

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देश में अंगदान

देश में अंगदान की स्थिति

कोविड-19 के बाद ट्रांसप्लांट लौटा पटरी पर

राजस्थान में कोविड-19 के मामले सामने आने के बाद ऑर्गन ट्रांसप्लांट पर एकाएक ब्रेक लग गया था. लेकिन हाल ही में एक बार फिर से ऑर्गन ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया शुरू हो सकी है. कोविड-19 के बाद करीब 4 से 5 ऑर्गन ट्रांसप्लांट राजधानी जयपुर में किए जा चुके हैं. जहां जरूरतमंद व्यक्तियों को अंग उपलब्ध हुए हैं.

वहीं स्टेट ऑर्गन इन टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन की अपील है कि आमतौर पर ब्रेन डेड होने के बाद मरीज की मौत हो जाती है, ऐसे में समय रहते उसके परिजन अंग दान करने को राजी होते हैं तो एक ब्रेन डेड मरीज से कई लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती है.

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