राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

Special : गुजरात में मेवाड़ की शान बढ़ाएगी महाराणा प्रताप की विशालकाय प्रतिमा

राजस्थान की वीर भूमि रणबांकुरों के बलिदान और शौर्य गाथाओं के अपने पराक्रम से आज भी अमर है. यहां के जांबाजों ने देश, जाति, धर्म और स्वाधीनता की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने में कभी संकोच नहीं किया. यही वजह है कि उनके त्याग पर संपूर्ण भारत को आज भी गर्वसी में सब है. उसे ऊपर नाम आता है वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप का, जिनकी गौरव गाथा अब गुजरात में गूंजेगी. देखिये ये रिपोर्ट...

गुजरात में आणद जिला  महाराणा प्रताप की जीवनी  हल्दी घाटी का युद्ध  jaipur news  rajasthan news  Statue of Maharana Pratap  Craftsman Mahavir Bharti  Anand district in Gujarat  Biography of Maharana Pratap  haldi ghati war
जयपुर में बन रही महाराणा प्रताप की विशालकाय प्रतिमा

By

Published : Oct 6, 2020, 7:57 PM IST

जयपुर.राजस्थान की गौरवशाली माटी के शान, सूरवीर महाराणा प्रताप की भव्य प्रतिमा अब गुजरात के आणद जिले के बारसोद में अपनी शौर्य गाथा से रूबरू करवाएगी. जहां चेतक पर सवार हल्दी घाटी युद्ध के मैदान में दुश्मनों से लड़ते हुए महाराणा प्रताप की विशाल प्रतिमा स्थापित होगी. इस प्रतिमा का निर्माण जयपुर में हुआ है और स्टेचू ऑफ यूनिटी सरदार वल्लभ भाई पटेल के बाद आगामी दिनों में यह प्रतिमा राजस्थान की शौर्य गाथा की शान बढ़ाएगी.

जयपुर में बन रही महाराणा प्रताप की विशालकाय प्रतिमा...

राजस्थान के विख्यात शिल्पकार महावीर भारती की देखरेख में इस विशाल मूर्ति का निर्माण जयपुर में हो रहा है. इस प्रतिमा की खासियत यह है कि चेतक पर बैठे महाराणा प्रताप अब तक बनी महाराणा प्रताप की प्रतिमाओं से कुछ अलग है. इसमें उनके कद के अनुरूप उन्हें विशालकाय बनाया गया है. अन्य प्रतिमाओं के मुकाबले इस प्रतिमा में उनका चेहरा दोगुना बड़ा है. इसी के अनुसार चेतक घोड़े पर सवार महाराणा प्रताप की इस प्रतिमा को देखने पर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि महाराणा प्रताप बख्तरबंद पहनकर युद्ध के लिए निकले हैं.

गुजरात के आणद जिले में स्थापित होगी प्रतिमा...

यह भी पढ़ें:स्पेशल: अलवर की मिट्टी से बनी मूर्तियां रखती हैं विशेष पहचान...कोरोना के चलते कामकाज ठप

मूर्ति की क्या है खासियत...

  • 12.5 फीट की विशालकाय होगी महाराणा प्रताप की ये प्रतिमा
  • फाइबर ग्लास में तैयार की गई है ये विशालकाय प्रतिमा
  • करीब 600 किलो से अधिक है मूर्ति का वजन
  • 7.50 लाख से अधिक की धनराशि हुई निर्माण में खर्च
  • डिजाइनर निर्मला कुल्हारी के नेतृत्व में 10 लोगों की टीम ने किया तैयार
  • प्रतिमा को मूर्तरूप देने में लगा दो महीनों से ज्यादा का समय
  • 25 अक्टूबर विजयदशमी पर होगा मूर्ति का अनावरण
  • प्रतिमा के पास में लगाया जाएगा विजय गाथा का शिला लेख

दरअसल, वीरों की इस भूमि में राजपूतों के छोटे-बड़े अनेक राज्य रहे, जिन्होंने भारत की स्वाधीनता के लिए संघर्ष किया. इन्हीं राज्यों में मेवाड़ का अपना एक विशेष स्थान है, जिसमें इतिहास के गौरव वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप ने जन्म लिया. मेवाड़ के महान राजपूत नरेश महाराणा प्रताप अपने पराक्रम और शौर्य के लिए पूरी दुनिया में मिसाल के तौर पर जाने जाते हैं. एक ऐसा राजपूत सम्राट जिसने जंगलों में रहना पसंद किया, लेकिन कभी विदेशी मुगलों की दासता स्वीकार नहीं की. उन्होंने देश, धर्म और स्वाधीनता के लिए सब कुछ न्योछावर कर दिया और आज भी उनकी गौरवशाली गाथाएं सुनकर सीना चौड़ा हो जाता है.

मूर्ति बनाते मूर्तिकार...

यह भी पढ़ें:Special: ब्लड कलेक्शन पर कोरोना की मार, गत वर्ष की तुलना में आधा हुआ ब्लड स्टोरेज

महाराणा प्रताप की जीवन कथा आज भी देश और समाज के लिए प्रेरणादायक है. जिन्होंने राष्ट्र की आजादी की रक्षा के लिए तलवार के जरिए संघर्ष किया, जो कि एक महान योद्धा में से एक थे. ऐसे में गुजरात में महाराणा प्रताप की विशालकाय प्रतिमा स्थापित होना राजस्थान की माटी और यहां के लोगों के लिए गर्व की बात है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details