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जयपुर में यहां कोरोना का कहर, घर-घर जाकर सर्वे कर रही मेडिकल टीम, सुनिए क्या कहना है CHC प्रभारी का...

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Published : May 2, 2021, 12:25 AM IST

विश्व प्रसिद्ध आमेर में भी कोरोना का कहर देखने को मिल रहा है. आमेर इलाके में करीब आधा दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से दो लोगों की मौत कोरोना संक्रमण से होना पाया गया है. अन्य लोगों में खांसी, जुकाम और बुखार के लक्षण पाए गए हैं. इन लोगों ने अपनी कोरोना की जांच भी नहीं करवाई थी. आमेर इलाके में कोरोना का कहर के चलते लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है. लोग कोरोना की जांच और वैक्सीनेशन के लिए भी अस्पताल नहीं पहुंच रहे हैं.

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आमेर सीएचसी प्रभारी की खास बातचीत

जयपुर.आमेर राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की ओर से इलाके में आंगनबाड़ी और आशा सहयोगिनियों के सहयोग से मेडिकल टीम घर-घर जाकर सर्वे कर रही है. टीम जांच के लिए घरों में बीमार लोगों के सैंपल ले रही है. साथ ही लोगों से समझाइश भी की जा रही है. मेडिकल टीम आमजन से कोरोना की जांच करवाने और वैक्सीन लगवाने की अपील कर रही है.

आमेर सीएचसी प्रभारी की खास बातचीत (भाग- 1)

आमेर सीएचसी प्रभारी ने भी इलाके का निरीक्षण किया है. घरों में बीमार मिल रहे लोगों का इलाज किया जा रहा है. साथ ही आमेर मेडिकल टीम लोगों से अपील कर रही है कि घर में कोई भी खांसी, जुकाम, बुखार से पीड़ित है, तो डॉक्टर को दिखाएं और जांच अवश्य करवाएं, जिससे कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सके. सरकार की गाइडलाइन के अनुसार मास्क लगाएं और सेनेटाइजर का उपयोग करें. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग की भी पालना करें, ताकि कोरोना की चेन को तोड़ा जा सके.

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आमेर सीएचसी प्रभारी की ईटीवी भारत से खास बातचीत

आमेर इलाके में एक के बाद एक लगातार 6 लोगों की मौत के बाद आमेर मेडिकल प्रशासन अलर्ट हो गया है. ईटीवी भारत की टीम ने आमेर सीएचसी प्रभारी डॉ. आशीष सक्सेना से खास बातचीत की. आमेर सीएचसी प्रभारी डॉ. आशीष सक्सेना ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया, आमेर की सराय बावड़ी इलाके में चार लोगों की मौत होने की सूचना मिली थी, जिनमें से एक व्यक्ति की हार्ट अटैक से मौत होना सामने आया है. एक महिला की अस्पताल में मौत हुई थी, जिसकी कोरोना की जांच नहीं करवाई गई थी, जिसे उल्टी दस्त के लक्षण थे. महिला की मौत का कारण हृदय गति रुकना बताया गया. तीसरे व्यक्ति बुजुर्ग लक्ष्मी नारायण की मौत प्राकृतिक बताई गई. चौथे युवक लोकेश को निजी चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया था, जिसकी मौत हो गई थी.

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डॉ. आशीष ने बताया, सीएमएचओ की ओर से उपलब्ध करवाई गई लिस्ट में मृतक का नाम और नंबर मिला था. लेकिन जो नंबर दिया गया, वह गलत था. नंबर पर संपर्क किया गया, तो वह दूसरी जगह का पाया गया. आमेर मेडिकल प्रशासन की करीब 16 टीमें लगातार सर्वे कर रही हैं. सर्वे के दौरान सामने आया, सराय बावड़ी इलाके में कई दिन से गंदा पानी भी आ रहा था. दूषित पानी को लेकर पीएचडी जेईएन और एईएन को भी मौके पर बुलवाया गया.

आमेर सीएचसी प्रभारी की खास बातचीत (भाग- 2)

सर्वे के दौरान खांसी, बुखार और जुकाम से पीड़ित करीब 26 मरीज पाए गए थे. ज्यादातर लोगों के पेट दर्द और दस्त की शिकायत मिली. बीमार मरीजों को तत्काल दवाई देकर उनका उपचार किया गया. 10 लोगों के सैंपल भी लिए गए. इसके अलावा आमेर सीएचसी अस्पताल में 68 लोगों के सैंपल और लिए गए, जिनमें से दो लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए. इसके बाद मेडिकल टीम ने अन्य इलाकों में भी सर्वे किया, जिन इलाकों में कोरोना संक्रमित पाए गए. उनको माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है. लोगों को समझाया गया है कि डरे नहीं, लेकिन बेवजह बाहर भी नहीं निकले. अगर कोई भी बीमारी या तकलीफ हो तो चिकित्सक से संपर्क करें.

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आमेर के प्राइवेट अस्पताल में भी एक महिला की मौत हुई है, जो कोरोना पॉजिटिव थी. बुधवार और शुक्रवार को कोरोना जांच के लिए सैंपल लिए जा रहे हैं. किसी भी मरीज को खांसी, बुखार और जुकाम के लक्षण पाए जाते हैं, तो उनकी कोरोना जांच की जा रही है. लोगों को यह भी जानकारी दी जा रही है कि वह सीधे सीएमएचओ में भी जांच के लिए सैंपल दे सकते हैं. अप्रैल महीने में आमेर इलाके से करीब 90 कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं. इनमें से करीब 77 एक्टिव पेशेंट हैं. इन सभी को होम क्वॉरेंटाइन किया गया है. इनमें से 11 मरीज रिकवर हो चुके हैं. इस लास्ट सप्ताह में 161 सैंपल लिए गए हैं, जिनमें करीब 20 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. क्षेत्र में 9 जगह पर माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं. जहां पर अगर एक घर में 2 मरीज हैं या 100 मीटर के एरिया में 3 मरीज हैं, तो उस एरिया को माइक्रो कंटेंटमेंट जोन बनाया जा रहा है. मनसा माता मंदिर के पास एक ही घर में 2 कोरोना मरीज पाए गए हैं. उस एरिया को भी माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाया गया है. कई मरीज ए सिंटमैटिक हैं, जिन्हें ज्यादा विशेष इलाज की जरूरत नहीं है. कोरोना मरीजों से रेगुलर संपर्क किया जा रहा है.

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स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपनी जिम्मेदारियों का कर रहे निर्वहन

आशा सहयोगिनी और एएनएम घर-घर जाकर मरीजों की सार संभाल कर रही है. किसी भी मरीज को कोई तकलीफ होती है तो उसका निदान किया जा रहा है. कुछ लोग तो कोरोना की जांच करवा रहे हैं, लेकिन कुछ लोग जांच करवाने से भी डर रहे हैं. लोगों को डर है कि हम जांच करवाने पर क्वॉरेंटाइन हो जाएंगे. ऐसे लोगों से समझाइश करके उनको जागरुक किया जा रहा है. लोगों को समझाया जा रहा है कि कोरोना एक बीमारी है, जिसकी दवाई लेंगे तो हम ठीक हो जाएंगे. इसमें सावधानी जरूरी है, और कोरोना गाइडलाइन की पालना करना आवश्यक है. कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है, कोई भी तकलीफ हो तो आसपास के चिकित्सालय में संपर्क करें और जांच करवाएं.

सेनेटाइजर और मास्क का उपयोग आवश्यक रूप से करें और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करें. जांच रिपोर्ट आने तक खुद को दूसरे लोगों से अलग रखें. अगर किसी को कोरोना पॉजिटिव आ गया तो यह नहीं है कि उसे तुरंत ही वेंटीलेटर पर जाना है. शुरुआत में सामान्य दवाइयों से इलाज हो जाता है, कई बार ऑक्सीजन की जरूरत भी पड़ जाती है. शुरुआती दौर में इलाज आसान है. आमेर इलाके के हर सेंटर पर नियमित रूप से कोविड- 19 वैक्सीनेशन किया जा रहा है. रोजाना करीब 150 से 200 लोगों के वैक्सीन लगाई जा रही है. लोग जांच भी करवाएं और वैक्सीन भी लगवाएं.

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वैक्सीन से डरने वाले लोगों के लिए उन्होंने कहा कि हमें वैक्सीन जरूर लगवानी चाहिए. कई बार वैक्सीन से हल्का बुखार हो सकता है, हमें डरने की जरूरत नहीं है. इसमें पेरासिटामोल टेबलेट से भी बुखार ठीक हो जाता है. अगर कोरोना वैक्सीन से बुखार आ रहा है, तो इसे गलत प्रभाव नहीं माने. जरूरी नहीं सभी के वैक्सीन लगवाने से बुखार आए. हर व्यक्ति का शरीर अलग-अलग तरीके से वैक्सीन को प्रतिक्रिया देता है. किसी को हल्का बुखार, किसी को तेज बुखार और किसी को कुछ भी नहीं होता है. आमेर इलाके में कई लोगों ने वैक्सीन लगवाई है, लेकिन कोई रिएक्शन नहीं हुआ. बिल्कुल बेफिक्र होकर वैक्सीन लगवाएं, यह जरूरी है.

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