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राजस्थान विधानसभा में कृषि कानूनों के खिलाफ बिल लाए जाने पर क्या बोले RLP प्रदेशाध्यक्ष पुखराज गर्ग...?

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Published : Nov 2, 2020, 12:52 PM IST

Updated : Nov 2, 2020, 1:12 PM IST

राज्य सरकार की ओर से से सदन में केंद्रीय कृषि बिल जो कानून बन चुका हैं, उसके खिलाफ विधेयक लेकर आ रही है. आरएलपी प्रदेश अध्यक्ष और भोपालगढ़ से विधायक पुखराज गर्ग ने इस मुद्दे पर कहा कि हम सदन में भाजपा के साथ हैं लेकिन सदन के बाहर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि बिल जो कानून बन चुका है उनका भी विरोध करेंगे.

पुखराज गर्ग का बयान, Pukhraj Garg statement
RLP प्रदेश अध्यक्ष पुखराज गर्ग का बयान

जयपुर.केंद्रीय कृषि बिल जो कानून बन चुका हैं, उसके खिलाफ राजस्थान की गहलोत सरकार विधानसभा में विधेयक लेकर आ रही है. इस मुद्दे पर ईटीवी भारत से खास बातचीत में आरएलपी प्रदेश अध्यक्ष और भोपालगढ़ से विधायक पुखराज गर्ग ने बात की. पुखराज गर्ग के अनुसार प्रदेश की गहलोत सरकार विधानसभा के भीतर केवल पंजाब सरकार की ओर से लाए गए कृषि विधेयक की कॉपी ही रखनी है. मतलब पंजाब सरकार के बिलों की कॉपी पेस्ट करने का काम प्रदेश की गहलोत सरकार कर रही है.

RLP प्रदेश अध्यक्ष पुखराज गर्ग का बयान

पुखराज गर्ग ने कहा कि सदन के भीतर हम सदन के अंदर भाजपा के साथ हैं. राज्य सरकार की ओर से लाए जा रहे इन बिलों का विरोध करेंगे, लेकिन सदन के बाहर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि बिल जो कानून बन चुका है उनका भी विरोध करेंगे. पुखराज गर्ग के अनुसार हमने प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार से मांग की है कि जो बिल केंद्र सरकार लेकर आई थी उनमें कुछ जगह पर संशोधन की आवश्यकता है और वो संशोधन जब तक नहीं होगा तब तक हमारा विरोध जारी रहेगा.

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पुखराज गर्ग से जब पूछा गया कि आखिर केंद्रों में आपको इस मुद्दे पर संशोधन चाहिए तब उन्होंने कहा कि आरएलपी चाहती है कि केंद्रीय कृषि बिल जिसमें MSP के मुद्दे को साइलेंट रखा गया है उसमें खुलकर इसका जिक्र हो और यह सुनिश्चित किया जाए कि देश भर में कहीं पर भी MSP से कम पर खरीद नहीं हो.

हालांकि पुखराज गर्ग को कहा गया कि प्रदेश की गहलोत सरकार अपने बिल में यही बात ला रही है कि राजस्थान में MSP से नीचे खरीद ना हो तब पुखराज गर्ग ने कहा कि यदि प्रदेश सरकार ये बिल ले भी आएगी तो भी समर्थन मूल्य से कम पर खरीद-फरोख्त होती रहेगी, क्योंकि मंडियों के भाव में यह सब कुछ होता है. ऐसे में किसानों की समस्या का समाधान तभी संभव है जब स्वामीनाथन आयोग की संपूर्ण सिफारिशों को केंद्रीय बिलों के तहत मान लिया जाए.

Last Updated : Nov 2, 2020, 1:12 PM IST

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