जयपुर. राजस्थान रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी के कानूनों की जानकारी राजस्थान आवासन मंडल के प्रदेशभर के अधिकारी कर्मचारियों उपलब्ध कराने के नजरिए से शुक्रवार को प्रदेश स्तरीय वर्कशॉप का आयोजन हुआ. इस दौरान आवासन आयुक्त ने नगरीय निकायों और रेरा के कानूनों में आ रहे अंतर को प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत किया. इसे रेरा अध्यक्ष ने इनहाउस बैठक कर समाधान निकालने की बात कही है. रेरा की चुनौतियों और समाधान विषय पर आयोजित वर्कशॉप में रेरा अध्यक्ष एनसी गोयल मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे, जबकि आवासन मंडल के अध्यक्ष भास्कर ए सावंत ने वर्कशॉप की अध्यक्षता की.
इस दौरान आवासन मंडल आयुक्त पवन अरोड़ा, जेडीसी गौरव गोयल और चीफ टाउन प्लानर आरके विजयवर्गीय भी मौजूद रहे. इस दौरान एनसी गोयल ने बताया कि डेवलपर या बिल्डर समय पर आवास बनाकर नहीं दे या योजना को पूरा नहीं करे. ऐसी समस्याओं के समाधान के लिए रेरा एक्ट बनाया गया है. इसके तहत हर प्रोजेक्ट रेरा में रजिस्टर्ड होना चाहिए. रेरा की साइट पर संबंधित प्रोजेक्ट की जानकारी ग्राहकों को उपलब्ध कराई जाती है, ताकि आम आदमी अपनी पूंजी जिस आवास को खरीदने में लगाने वाला है. उसके साथ कोई फर्जीवाड़ा ना हो. उन्होंने कहा कि आवासन मंडल राजस्थान रेरा में पहला प्रमोटर है, जिसने 50 प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड कराए हो. उन्होंने आवासन आयुक्त द्वारा रेरा प्रावधानों में बताए गए संशोधन उपयोगी बताते हुए संयुक्त रूप से बैठकर समाधान निकालने की बात कही है.