जयपुर.मुख्य सचिव निरंजन आर्य की अध्यक्षता में शुक्रवार को शासन सचिवालय में वीडियों कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य नवाचार परिषद की पहली बैठक हुई. इस अवसर पर मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि राज्य के नव प्रवर्तनों को आगे बढ़ाया जाए, उनको आर्थिक एवं तकनीकी सहायता उपलब्ध कराकर नव प्रवर्तकों की सृजनशीलता को सम्मानित किया जाए. कृषि के क्षेत्र में हो रहे नवाचार की सराहना करते हुए कहा कि हमें स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा, पशुपालन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, कला और हस्तशिल्प एवं अन्य क्षेत्रों में भी होने वाले नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए रोड मैप तैयार करना चाहिए.
आर्य ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्षों एवं राज्य नवाचार परिषद के अधिकारियों को निर्देश दिए कि हमें दूसरे राज्यों में हो रहे नवाचारों को भी जानना एवं समझना होगा. उन्होंने जिला स्तर पर प्रौद्योगिकी एवं इनोवेशन इनक्यूबेशन केन्द्र स्थापित कर नवाचार के कार्यक्रमों को जिला कलक्टर के माध्यम से आयोजित कराने के निर्देश दिए हैं. वीसी में प्रमुख शासन सचिव वन श्रेया गुहा, प्रमुख शासन सचिव कृषि कुंजी लाल मीणा, जल संसाधन विभाग के सचिव नवीन महाजन एवं अन्य विभागों के उच्च अधिकारी शामिल हुए हैं.
इस अवसर पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के शासन सचिव कैलाश चन्द्र वर्मा ने बताया कि स्टेट इनोवेशन कांउसिल का गठन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन किया गया है, जिससे राज्य में ग्रासरूट नवाचार सहित सभी स्तर पर नवाचार को आगे बढ़ाया जा सके. स्टेट इनोवेशन कांउसिल राष्ट्रीय नवाचार फाउंडेशन (एनआईएफ) की सहायता से राज्य के इनोवेशन को आर्थिक एवं तकनीकी सहायता उपलब्ध कराता है. राज्य के नवप्रवर्तकों को नवाचार के लिए एनआईएफ द्वारा द्विवार्षिक प्रतियोगिताओं में भी विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार प्राप्त हुए हैं, जिसमें सीकर के जगदीश प्रसाद पारीक को 2019 का और सुण्डाराम वर्मा को 2020 का कृषि के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए 'पद्मश्री पुरस्कार' से सम्मानित किया गया है.
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एनआईएफ के निदेशक डॉ. विपिन शर्मा ने बताया कि इस वर्ष राजस्थान से लगभग ग्यारह हजार नवाचार शामिल हुए हैं और राज्य की कुल 41 तकनीक को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया गया है. राज्य में सेब, सरसों, गाजर, प्याज, गोभी चना आदि की उन्नत किस्म को राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है. राष्ट्रपति भवन में ठहरने से संबंधित रेजीडेंस ईनोवेशन कार्यक्रमों में भी राजस्थान के लोग अग्रसर रहते है.