जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह निजी स्कूलों की आर्थिक परेशानियों को देखते हुए अंतरिम रूप से फीस वसूलने के संबंध में 28 अक्टूबर तक दिशा-निर्देश जारी करें. अदालत ने सत्र 2020-21 की फीस निर्धारण के लिए गठित कमेटी को 2 नवंबर तक अपनी सिफारिशों के साथ शपथ पत्र अदालत में पेश करने को कहा है.
मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांती और न्यायाधीश सतीश शर्मा ने यह आदेश राज्य सरकार व अन्य की ओर से दायर अपील पर दिए. इसके साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई 3 नवंबर को तय करते हुए अंतरिम फीस निर्धारण को याचिका के निर्णयाधीन रखा है.
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सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से एएजी ने कहा कि फीस तय करने के लिए राज्य सरकार ने कमेटी का गठन कर दिया है. यह कमेटी जल्दी ही अपनी सिफारिशें देगी. ऐसे में रिपोर्ट पेश करने के लिए मामले की सुनवाई टाली जाए. वहीं प्राग्रेसिव स्कूल्स एसोसिएशन की ओर से कहा गया कि स्कूल संचालकों को इस महामारी में अपने संस्थान चलाने में काफी मुश्किल हो रही है. इसलिए फीस वसूली के लिए अंतरिम निर्देश दिए जाए, जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने राज्य सरकार को 28 अक्टूबर तक आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने को कहा है.
गौरतलब है कि हाईकोर्ट की एकलपीठ ने गत 7 सितंबर को निजी स्कूलों को 70 फीसदी ट्यूशन फीस वसूलने की छूट दी थी. इस आदेश को राज्य सरकार और अन्य की ओर से खंडपीठ में चुनौती दी गई. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने गत दिनों एकलपीठ के आदेश पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार को फीस निर्धारण के लिए कमेटी गठन करने को कहा था.