जयपुर.यूक्रेन में फंसे प्रदेश के छात्रों सहित अन्य लोगों की वतन वापसी के मामले में शनिवार को राजस्थान हाईकोर्ट (State Government reply in High Court) में सुनवाई हुई. राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि भारत सरकार युक्रेन में फंसे लोगों को पोलैंड सहित दूसरे देशों के जरिए वापस ला रही है. वहीं मुंबई और दिल्ली हवाई अड्डे से राज्य सरकार वापस लाए गए लोगों को उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था कर रही है.
अब तक 405 से अधिक प्रदेशवासियों को उनके घर पहुंचाया जा चुका है. वहीं एक हजार से अधिक को वापस लाने के लिए चिह्नित किया गया है. इसके अलावा लौटे लोगों को दिल्ली और मुम्बई स्थित राज्य सरकार के गेस्ट हाउस में भी रोकने की व्यवस्था की गई है.
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मामले में राज्य सरकार ने प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी को समन्वयक बनाया गया है. वहीं केन्द्र सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल आरडी रस्तोगी ने कहा कि केन्द्र सरकार यूक्रेन में फंसे हर भारतीय को वापस लाने के लिए काम कर रही है. इसके लिए हर संभव प्रयास किए गए हैं. एएसजी ने अदालत को बताया कि मामले में सुप्रीम कोर्ट में प्रकरण विचाराधीन है और सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को कोई आदेश पारित नहीं करने के लिए कह रखा है.
ऐसे में हाईकोर्ट मामले में कोई आदेश जारी नहीं कर सकती. जिस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अशोक गोड ने भागीरथ राठौड़ व अन्य की याचिका पर 10 मार्च को सुनवाई तय की है. याचिका में कहा गया है कि फरवरी की शुरुआत में ही यूक्रेन में हालात बहुत बिगड़ गए थे. नॉर्वे, जापान, इजरायल और यूके सहित कई देशों ने अपने नागरिकों को निकालना शुरू कर दिया था. मामले में विदेश मंत्रालय ने 13 फरवरी को अधिकृत शिकायत दर्ज कराने के बाद भी सरकार ने समय पर छात्रों को वापस लाने के लिए कोई प्रभावी कार्रवाई शुरू नहीं की है. ऐसे में वहां से प्रदेश में फंसे लोगों को सकुशल भारत लाया जाए.