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खबर का असर : कोरोना महामारी से अनाथ हुए बच्चों की सूचना जल्द चाइल्ड हेल्पलाइन नं.1098 पर दें- संगीता बेनीवाल

बच्चों को बिना वैधानिक तरीका अपनाएं गोद लेने के सोशल मीडिया पर हो रही वायरल संदेश की खबर ईटीवी भारत पर दिखाए जाने के बाद राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने इन मामले में संज्ञान लेते हुए एडवाइजरी जारी की है. उन्होंने साफ कहा है कि कोरोना महामारी से अनाथ हुए बच्चों की सूचना तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर दें. इन बच्चों को किसी भी तरीके से अवैधानिक प्रक्रिया अपनाकर को गोद लेने की अनुमति नहीं है.

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कोरोना महामारी से अनाथ हुए बच्चों की सूचना जल्द चाइल्ड हेल्पलाइन नं.1098 पर दें

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Published : May 6, 2021, 2:42 PM IST

जयपुर. ईटीवी भारत की खबर का एक बार फिर बड़ा असर हुआ है. कोरोना महामारी से अनाथ हुए बच्चों को बिना वैधानिक तरीका अपनाएं गोद लेने के सोशल मीडिया पर हो रही वायरल संदेश की खबर ईटीवी भारत पर दिखाए जाने के बाद राज्य बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने इन मामले में संज्ञान लेते हुए एडवाइजरी जारी की है. जिसमें उन्होंने साफ कहा है कि कोरोना महामारी से अनाथ हुए बच्चों की सूचना तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर दें. इन बच्चों को किसी भी तरीके से अवैधानिक प्रक्रिया अपनाकर को गोद लेने की अनुमति नहीं है.

कोरोना महामारी से अनाथ हुए बच्चों की सूचना जल्द चाइल्ड हेल्पलाइन नं.1098 पर दें

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राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा कि कोविड-19 कोरोना महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों की सूचना चाइल्ड हैल्पलाइन नम्बर 1098 पर दे. साथ ही स्थानीय पुलिस बाल कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षण ईकाई अथवा बाल आयोग को उपलब्ध करवाने हेतु आमजन से अपील की है. बेनीवाल ने बताया कि कोरोना महामारी से अनाथ हुए बच्चे भी देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों की श्रेणी में आते हैं.

राज्य सरकार की ओर से किशोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत ऐसे बच्चों की गोपनियता को संरक्षित रखते हुए उचित देखभाल और संरक्षणात्मक माहौल प्रदान करने की व्यवस्था की गई है. उन्होने आमजन और स्वयंसेवी संस्थाओं से अपील की है कि ऐसे बच्चे जो अनाथ हो गए और जिनकी देखभाल करने वाला कोई अन्य परिवारजन नहीं हो, तो ऐसी स्थिति में तुरन्त चाइल्ड हैल्पलाइन नम्बर 1098 पुलिस, बाल कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षण ईकाई अथवा बाल आयोग को वाट्सअप नम्बर 7733870243 पर सूचित करें. ताकि इन बच्चों को उचित सुरक्षा और देखभाल की जा सके.

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उन्होंने कहा कि इन बच्चों की पहचान को गोपनीय रखना आवश्यक है. इनकी पहचान सोशल मिडिया या अन्य किसी माध्यम से उजागर नहीं की जानी चाहिए. इन बच्चों को गोद लेने हेतु बाल कल्याण समिति के माध्यम से उचित प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए. यदि कोई व्यक्ति इन बच्चों को खरीदता है, तो इसमें किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 81 के अनुसार 5 साल की सजा और 1 लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान है.

उन्होंने बताया कि आयोग की ओर से समस्त जिलों की बाल संरक्षण इकाईयों, बाल अधिकारिता विभाग के अधिकारियों को कोरोना महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों की सूचना प्रतिदिन बाल अधिकारिता विभाग और आयोग कार्यालय को उपलब्ध करवाने हेतु निर्देशित किया गया है. बाल आयोग चालकों के अधिकारों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.

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आयोग की ओर से इसी कम में आगामी दिनों में विभिन्न जिलों में संचालित बाल कल्याण समितियों एवं बाल अधिकारिता विभाग के पदाधिकारियों से वेबीनार के माध्यम से विस्तृत चर्चा की जायेगी. आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण की वजह से अनाथ हुए बच्चों को बिना किसी वैधानिक प्रक्रिया को अपनाए बगैर गोद देने कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे मैसेज की खबर प्रमुखता से दिखाई थी. ईटीवी भारत की ओर से खबर चलाने के बाद बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने इस पूरे मामले पर संज्ञान लिया है.

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