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जयपुर: विशेष राजयोग और शुभ नक्षत्र में कल पेश होगा राज्य का बजट - मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

राजस्थान सरकार कल बजट पेश करने जा रही है. इस बजट से प्रदेश की जनता को काफी उम्मीदें हैं. ऐसे में माघ शुक्ला द्वादशी बुधवार को सिद्धि योग रहेगा. वही दोपहर पुनर्वसु नक्षत्र के बाद पुष्य नक्षत्र प्रारंभ हो जाएगा, जो कि बजट के लिए बहुत ही अहमियत रखता है.

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कल पेश होगा राज्य का बजट

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Published : Feb 23, 2021, 4:54 PM IST

जयपुर.राजस्थान सरकार बुधवार को अपना बजट पेश करने जा रही है. इस बजट से प्रदेश की जनता को काफी उम्मीदें हैं. ऐसे में माघ शुक्ला द्वादशी बुधवार को सिद्धि योग रहेगा. वहीं दोपहर पुनर्वसु नक्षत्र के बाद पुष्य नक्षत्र प्रारंभ हो जाएगा, जो कि बजट के लिए बहुत ही अहमियत रखता है. ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि, तीसरी बार राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बजट पेश करेंगे. 24 फरवरी को दोपहर 1.17 बजे से सांयकाल 6.06 बजे तक राजयोग का निर्माण भी हो रहा है, जो कि राजनीति में सफलता देता है.

कल पेश होगा राज्य का बजट

सीएम अशोक गहलोत अपनी सूझबूझ से बजट पेश करेंगे और वह राज्य को नए आयाम और हर वर्ग को फायदा देने में सक्षम रहेगा. वहीं, कल सूर्योदय सुबह 7 बजे जयपुर में हो रहा है, जिसकी लग्न कुंभ होती है और कुंभ लग्न शुक्र देवता चौथे और नवम भाव के स्वामी है. साथ ही शुक्र देवता की साधारण राशि वृष कुंडली के केंद्र भाव में आती है. इसलिए वह कुंडली में सबसे योग कारक ग्रह माने जाते हैं.

वहीं, कुंडली में गुरु मकर राशि में स्थित है, जो की गुरु की राशि है और गुरु ग्यारवें, दूसरे घर का स्वामी होकर कुंडली में बारहवें घर में स्थित है. ऐसे में पुनर्वसु और पुष्य नक्षत्र में घोषित होने वाला बजट प्रदेश की जनता के लिए खुशहाली के प्रयास वाला व सकारात्मक भाव वाला रह सकता है. दरअसल इससे पहले बुधवार को ही पंद्रहवीं राजस्थान विधानसभा का छठा सत्र शुरू हुआ था.

पढ़ें:प्रदेश के बजट को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिया अंतिम रूप, 24 फरवरी को किया जाएगा पेश

यहीं नहीं 17 दिसंबर 2018 को अशोक गहलोत ने तीसरी बार कुंभ लग्न में मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की थी. लग्न का स्वामी शनि लाभ घर में बैठकर लगन को पूर्ण दृष्टि स्व देख रहा है. साथ ही प्रजातंत्र कारक शनि की दृष्टि शुभ दायक कही जा सकती है. किंतु लग्न में मंगल की स्थिति आपसी विवाद का संकेत है. केंद्र और प्रकरण में शुभ ग्रहों की स्थिति अत्यंत शुभ होने के साथ-साथ द्वितीय लाभेश गुरु का पंचमेश बुध के साथ राज्य पक्ष में बैठना प्रदेश के विकास की दृष्टि से उत्तम फल प्रदान करता है.

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