जयपुर. प्रदेश भर के एंबुलेंस कर्मचारी एक बार फिर आंदोलन की राह पर उतर सकते हैं. दरअसल, एंबुलेंस कर्मचारियों की कुछ लंबित मांगें थी और इन मांगों को लेकर एंबुलेंस कर्मचारियों और सरकार के बीच सहमति भी बनी थी, लेकिन एंबुलेंस कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें आज तक लागू नहीं किया गया है.
एंबुलेंस कर्मचारी ने दी हड़ताल चेतावनी राजस्थान एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि कर्मचारियों की कुछ मांगों को लेकर यूनियन और सरकार के बीच बीते वर्ष कुछ मांगों पर सहमति बनी थी और राजस्थान उच्च न्यायालय ने भी मामले में हस्तक्षेप किया था. यूनियन का कहना है कि राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेशों के अनुसार जारी किया गया वेतनमान अभी तक एंबुलेंस कर्मचारियों को नहीं मिल रहा है.
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इसके साथ ही यूनियन की मांग थी कि कर्मचारियों का कार्य समय श्रम कानून के अनुसार 8 घंटे किया जाए, राज्य सरकार की ओर से संविदा कर्मी कमेटी बनाई गई है, जिसमें एंबुलेंस कर्मचारियों को भी शामिल किया जाए, एंबुलेंस सेवा के लिए नई निविदा मे सुनिश्चित किया जाए कि किसी कर्मचारी को कार्य से नहीं हटाया जाएगा. ऐसी ही कुछ मांगों पर राजस्थान उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप बाद यूनियन और सरकार के बीच सहमति बनी थी.
बता दें कि एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन ने लंबित मांगे नहीं माने जाने के बाद 10 जुलाई से आंदोलन की शुरुआत करने की बात कही है, जिसमें काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. इसके बाद 14 जुलाई को यूनियन आगे की रणनीति की घोषणा करेगी. इससे पहले भी अपनी मांगों को लेकर एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन हड़ताल कर चुकी है.