जयपुर. प्रदेश में लगातार में हो रही भर्ती परीक्षाओं के पेपर आउट होने, विरोध प्रदर्शनों और विवादों के बीच राजस्थान स्टाफ सलेक्शन बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. बीएल जाटावत ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. जाटावत के इस्तीफे को राजस्थान सरकार ने तुरंत स्वीकार भी कर लिया है.
सरकार ने इस्तीफा किया स्वीकार दरअसल, स्टाफ सलेक्शन बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. बीएल जाटावत ने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. जाटावत के इस्तीफा देते ही सियासी गलियारों में सवाल उठने लगा कि आखिर बीएल जाटावत ने इस्तीफा क्यों दिया. जानकारी के अनुसार सरकार ने उनका इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है.
जाटावत 24 फरवरी 2018 से इस बोर्ड अध्यक्ष का पदभार संभाल रहे थे. बता दें कि हाल ही में पेपर लीक के चलते परीक्षाएं रद्द की गई थी. राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के उपेन यादव भी विरोध कर रहे थे और बोर्ड चेयरमैन को हटाने की मांग कर रहे थे. दो दिन पहले राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने पेपरलीक समेत परीक्षार्थियों की मांगों को लेकर मुख्य सचिव निरंजन आर्य से मुलाकात की थी.
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किरोड़ी लाल मीणा ने मुख्य सचिव को ज्ञापन के जरिए कहा था कि प्रदेश में भर्तियों में गड़बड़ी हो रही है, जिसकी निष्पक्षता से जांच होनी चाहिए. उन्होंने एसओजी में चल रही जांच को गति देने के लिए भी आग्रह किया था. किरोड़ी लाल मीणा की मुख्य सचिव से मुलाकात के बाद कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष बीएल जाटावत को मुख्य सचिव ने बुलाकर वस्तुस्थिति की जानकारी ली थी.
सूत्रों की मानें तो बीएल जाटावत ने दबाव के कारण अपने पद से इस्तीफा दिया है. सरकार और बीएल जाटावत के बीच किस तरह के रिश्ते हैं, इसका इस बात से भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि जैसे ही बीएल जाटावत ने अपने इस्तीफे की पेशकश की सरकार ने उसे तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया. जाटावत के इस्तीफे को स्वीकार करने का आदेश कार्मिक विभाग ने अपनी वेबसाइट पर भी डाल दिया है.
उल्लेखनीय है कि JEN परीक्षा 6 दिसंबर को आयोजित हुई थी, जिसे पेपर लीक होने के बाद 29 दिसंबर 2020 को रद्द कर दिया गया था. इसके बाद से ही बीएल जाटावत पर लगातार दबाव ही नहीं बल्कि आरोप भी लग रहे थे.