जयपुर. प्रदेश में 10 फरवरी से बजट सत्र शुरू हो रहा है. इस बार कोरोना काल के बीच आ रहे इस बजट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सभी को साधने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन प्रदेश के 8 लाख कर्मचारी सरकार से खुश नहीं हैं और ना ही इस बजट से. यही वजह है कि कर्मचारियों ने बजट शुरू होने के साथ आंदोलन का बिगुल बजा दिया है. अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह ने Etv भारत से खास बातचीत में कहा कि कर्मचारी सरकार से सीधा संवाद करना चाहता है. लेकिन ब्यूरोक्रेट्स की लापरवाही से कर्मचारियों की मांग मुख्यमंत्री तक सीधी नहीं पहुंच रही है.
12 सूत्री मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों ने 10 फरवरी को प्रदेशभर में प्रदर्शन करने का एलान किया है. उन्होने कहा कि अगर मांगों पर सरकार का सकारात्मक रूख नहीं रहा तो प्रदेशभर में उग्र आंदोलन किया जाएगा. गजेंद्र सिंह ने कहा कि राजस्थान का कर्मचारी सरकार की ओर निगाहें लगाए बैठा है. कांग्रेस ने सत्ता में आने से पूर्व अपने घोषणापत्र में जो वादे किए थे उन्हें 2 साल होने के बाद भी पूरा नहीं किया. प्रदेश के कर्मचारी हर बार सरकार के समक्ष अपनी बात पहुंचा रहे हैं, लेकिन ब्यूरोक्रेट्स हैं कि मुख्यमंत्री तक कर्मचारियों की सही मांग को नहीं पहुंचा रहे हैं. प्रदेश के कर्मचारियों ने कोरोना काल में भी सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया है. सरकार ने उस वक्त वेतन कटौती की, उसको भी कर्मचारियों ने स्वीकार किया. लेकिन अब उस वेतन कटौती को दिया जाए.