करौली.जिलेभर में रविवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा पदोन्नति में आरक्षण को मौलिक अधिकार नहीं मानने के निर्णय के खिलाफ एसटी-एससी आरक्षण मंच ने रविवार को जमकर धरना-प्रदर्शन किया और कोर्ट के इस फैसले का विरोध जताया. साथ ही वक्ताओं ने राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंप पदोन्नति आरक्षण को नवमी अनुसूची में डालने की मांग की. वहीं मांग पूरी नहीं होने पर एसटी-एससी आरक्षण मंच द्वारा आंदोलन की भी चेतावनी दी गई है.
कलेक्ट्रेट के सामने आयोजित धरना-प्रदर्शन में वक्ताओं ने आरोप लगाया है कि यह निर्णय अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों को उच्च पदों पर जाने से रोकने का प्रयास है. वक्ताओं ने कहा कि संविधान के 85वें संशोधन द्वारा अनुच्छेद 164 को सही करार दिया है. इस आधार पर एससी-एसटी कार्मिकों को पदोन्नति में आरक्षण के साथ वरिष्ठता का लाभ दिए जाने की मांग की है.
इस दौरान आरक्षण मंच के लोगों ने राष्ट्रपति प्रधानमंत्री के नाम एसडीएम देवेंद्र सिंह परमार को ज्ञापन सौंप, संसद में निर्णय पारित कराने की मांग की है. आरक्षण मंच के लोगों ने कहा कि अगर सरकार ने जल्द ही हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो एसटी-एससी वर्ग को उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा. धरना-प्रदर्शन के अवसर पर करौली विधायक लाखन सिंह, कटकड़ सहित एससी-एसटी आरक्षण मंच के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे.
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विभिन्न संस्थाओं की ओर से निकाली गई रैली
भीम आर्मी की ओर से 23 फरवरी को भारत बंद का ऐलान किया गया था. ऐसे में राजधानी जयपुर में भीम आर्मी की ओर से रेंलिया निकाली गई. सीएए और एनआरसी के विरोध में भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध-प्रदर्शन किया. वहीं भारत बंद के ऐलान को देखते हुए शहर में भारी पुलिस बल भी तैनात किया गया.
रैली में शामिल लोग हाथों में तख्तियां लिए केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते नजर आए. शहर के विभिन्न स्थानों से निकाली गई. रैलिया अल्बर्ट हॉल पर पहुंची. जहां एक बड़ी सभा का आयोजन किया गया. इस दौरान विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारियों ने सभा को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला और कहा कि बीजेपी सरकार संविधान से छेड़छाड़ कर रही है. जो कि मंजूर नहीं है. वर्तमान हालात काफी ज्यादा खराब है, इसलिए हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सभी को साथ चलना होगा.