जयपुर.प्रदेश भाजपा भले ही अभी से चुनावी मोड पर आकर मिशन 2023 में जुट गई हो लेकिन पार्टी नेताओं के बीच चल रही अंतर्कलह इसमें सबसे बड़ा रोड़ा बनेगी. बीजेपी नेताओं के बीच खींचतान राजधानी जयपुर में ही है. जो हाल ही में जयपुर प्रवास पर आए राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुघ के सामने भी उजागर हो (Squabble among BJP leaders) गई. जयपुर शहर से आने वाले 1 मौजूदा और 2 पूर्व विधायकों ने संगठनात्मक कार्यों से दूरी बना रखी है, जो चुघ की बैठक के दौरान भी अनुपस्थित रहे.
कालीचरण, राजपाल और कैलाश वर्मा ने बनाई दूरी: तरुण चुघ का तीन दिवसीय राजस्थान प्रवास गुरुवार को समाप्त हुआ. जयपुर शहर भाजपा कार्यसमिति की बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुघ और प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया सहित जयपुर शहर से जुड़े तमाम पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि शामिल हुए. लेकिन मालवीय नगर से मौजूदा भाजपा विधायक कालीचरण सराफ, पूर्व कैबिनेट मंत्री और पूर्व विधायक राजपाल सिंह शेखावत और पूर्व संसदीय सचिव व विधायक रहे कैलाश वर्मा ने इस कार्यसमिति से दूरी बनाए रखी.
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केंद्र से पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री को यह बैठक लेने विशेष रुप से भेजा था. संगठनात्मक बैठकों और अधिकतर संगठनात्मक कार्यक्रमों से राजपाल सिंह शेखावत, कैलाश वर्मा और कालीचरण सराफ की दूरी आज की नहीं बल्कि प्रदेश नेतृत्व में हुए परिवर्तन के बाद से ही है और इसके कई कारण है जिसमें सबसे बड़ा कारण पार्टी नेताओं के बीच चल रही आपसी खींचतान और कलह ही है. खैर राष्ट्रीय महामंत्री चुघ को इन नेताओं की अनुपस्थिति के बारे में जानकारी मिल गई.
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आदर्श नगर में बैठक लेकिन वहीं से आने वाले परनामी रहे अनुपस्थित: पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री को राजस्थान में मंडल से लेकर जिला और प्रदेश स्तर की बैठक में शामिल होने के लिए भेजा गया था. कोटपुतली में वे मंडल स्तर की बैठक में शामिल हुए तो जयपुर में शहर कार्यकारिणी और प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक भी ली. जयपुर शहर भाजपा की कार्यसमिति की बैठक आदर्श नगर विधानसभा क्षेत्र में हुई जहां से पूर्व विधायक और पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी आते हैं लेकिन इस कार्यसमिति की बैठक में वो कहीं भी नजर नहीं आए. बताया जा रहा है कि वे अस्वस्थता के चलते बैठक में नहीं आए. हालांकि उनका ना आना भी भाजपा नेता व कार्यकर्ताओं के बीच चर्चा का विषय बना रहा.
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कमजोर विधानसभा क्षेत्रों को ही चुना था बैठक के लिए: चुघ के जयपुर प्रवास के दौरान जहां भी बैठक की गई, वह पार्टी की दृष्टि से कमजोर विधानसभा क्षेत्र ही थे. जयपुर शहर कार्यसमिति की बैठक आदर्श नगर में रखी गई, जो पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने गंवा दी थी. बीजेपी ओबीसी मोर्चा की कार्यसमिति की बैठक झोटवाड़ा विधानसभा में रखी गई जो पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा हार गई थी. इसी तरह कोटपूतली में मंडल स्तर की बैठक में तरुण चुघ शामिल हुए थे और कोटपुतली भाजपा की दृष्टि से बेहद कमजोर विधानसभा सीट है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि कमजोर विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी अपनी बैठकें कर रही हैं ताकि वहां पार्टी की स्थिति मजबूत हो सके लेकिन जब पार्टी के नेताओं के बीच ही आंतरिक कलह नहीं थम पाएगी तो इन क्षेत्र में भाजपा का कमल कैसे खेल पाएगा?. यह पार्टी नेतृत्व के लिए भी सोचने वाला विषय है.