राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

विसर्जनी अमावस्या पर बन रहा है खास योग, ये उपाय करने से मिलेगा पूर्वजों का आशीर्वाद

पूर्वजों की तृप्ति का पखवाड़ा श्राद्ध पक्ष अश्विन मास की अमावस्या को पूरा हो रहा है. इस दिन हमारे पूर्वज वापस अपने लोक में लौट जाते हैं. इस साल विसर्जनी अमावस्या 6 अक्टूबर को मनाई जा रही है. आइए जानते हैं इस दिन बनने वाले खास योग और उसमें किए जाने वाले उपायों के बारे में.

Rajasthan News, jaipur news
विसर्जनी अमावस्या पर बन रहा है खास योग

By

Published : Oct 6, 2021, 5:01 AM IST

Updated : Oct 6, 2021, 8:16 AM IST

जयपुर.पूर्वजों के श्राद्ध और उनकी तृप्ति का पखवाड़ा श्राद्ध पक्ष 6 अक्टूबर बुधवार को अश्विन मास की अमावस्या को पूरा हो रहा है. इसे सर्व पितृ अमावस्या या विसर्जनी अमावस्या भी कहते हैं. इस दिन उन सभी पूर्वजों का श्राद्ध किया जाता है, जिनकी तिथि परिजनों को ज्ञात नहीं होती है.

विसर्जनी अमावस्या पर बन रहा है खास योग

ज्योतिर्विद श्रीराम गुर्जर बताते हैं कि विसर्जनी अमावस्या के मौके पर 6 अक्‍टूबर को सूर्य और चंद्रमा दोनों ही सूर्योदय से लेकर शाम 4:34 बजे तक हस्त नक्षत्र में होंगे. यह स्थिति गजछाया योग बनाती है. मान्यता है कि इस योग में श्राद्ध करने से पूर्वज प्रसन्‍न होते हैं और पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है. पूर्वजों के आशीर्वाद से घर में सुख-समृद्धि आती है.

यह भी मान्यता है कि गजछाया योग में किए गए श्राद्ध और दान से पितरों की अगले 12 सालों के लिए क्षुधा शांत हो जाती है. अगली बार विसर्जनी एकादशी पर गजछाया योग 8 साल बाद 2029 में बनेगा. सर्व पितृ अमावस्या के दिन पूर्वजों का का श्राद्ध करें और घी का दान करें. इसके अलावा गरीबों व जरूरतमंदों को दान देना चाहिए. इस दिन घर आए किसी भी व्यक्ति या पशु-पक्षी को श्रद्धापूर्वक खाना देने से भी पूर्वज प्रसन्न होते हैं.

जल में काले तिल मिलाकर पीपल में चढ़ाएं

ज्योतिर्विद श्रीराम गुर्जर बताते हैं कि श्राद्ध करने के बाद घर के पास कोई पीपल का पेड़ हो तो शुद्ध जल में काले तिल मिलाकर पीपल में चढ़ाने चाहिए. यदि आसपास पीपल का पेड़ नहीं है तो छत पर लगे गमले में भी जल में काले तिल मिलाकर चढ़ा सकते हैं. इस दौरान पूर्वजों का स्मरण करना चाहिए. शाम को घर की छत पर सरसों के तेल का चार मुख का दीपक जलाने से भी पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है.

'गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र' का पाठ करने से दूर होते हैं संकट

सर्वपितृ अमावस्या के दिन 'गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र' का पाठ करने से सभी संकट दूर होते हैं. यह पाठ पितृ दोष को भी समाप्त करता है. पितृ अमावस्या के दिन भगवान विष्णु की तस्वीर के समक्ष दीपक जलाएं और दक्षिण दिशा में मुंह करके ‘गजेन्द्र मोक्ष स्तोत्र’ का पाठ करना चाहिए. इसके बाद भगवान विष्णु का ध्यान कर पूर्वजों की नाराजगी दूर करने व पितृ दोष को समाप्त करने की प्रार्थना करनी चाहिए. पूर्वजों को जलेबी का भोग लगाना चाहिए.

Last Updated : Oct 6, 2021, 8:16 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details