जयपुर.हमारे समाज में डॉक्टर्स को भगवान का दर्जा दिया गया है. गंभीर परिस्थियों में डॉक्टर लोगों की जान बचाकर उनके भगवान बन जाते हैं. डॉक्टर ना सिर्फ लोगों का इलाज करते हैं, बल्कि उनकी जान बचाने के लिए समर्पित होकर उनकी सेवा करते हैं. कोरोना काल में जहां हर आम से लेकर खास इंसान घरों में कैद है, कोरोना से बचाव का प्रयास कर रहा है, लेकिन धरती पर वहीं डॉक्टर खुद कोरोना के खतरे को झेलते हुए भी दूसरों की जिंदगी को बचाने की जद्दोजहद में जुटे हुए हैं.
डॉक्टरों की लगन की वजह से ही आज धरती का मानव सुरक्षित है. इसलिए समाज में आज इनका दर्जा सबसे ऊपर है. आज हम आप को जयपुर की एक ऐसी फैमिली से मिलाने जा रहे हैं. जिसमें एक नहीं, दो नहीं, तीन नहीं बल्कि 30 से अधिक डॉक्टर हैं.
'मामा को देखकर मिली प्रेरणा'
इस परिवार की पहली महिला चिकित्सक डॉ. नसरीन भारती राजधानी जयपुर के कांवटिया सरकारी अस्पताल की उप अधीक्षक और सर्जरी की प्रमुख विशेषज्ञ हैं. डॉ. नसरीन भारती बताती हैं कि 60 के दशक में उन्होंने अपने बचपन में मामा डॉक्टर शैयद अंसार हुसैन को जनता की सेवा करते देखा था.
डॉ. नसरीन बताती हैं कि वो देखती थी कि किस तरह से लोग हुसैन साहब के पास बड़ी उम्मीद के साथ इलाज कराने दूर दराज से आते हैं और लोग उनकी बड़ी इज्जत किया करते थे. तब से उन्होंने ठान लिया था कि वो भी डॉक्टर बनेंगी. जब उन्होंने डॉक्टरी की उपाधि प्राप्त की तब वह परिवार में ही नहीं बल्कि अपने समाज में वह पहली महिला थी जो डॉक्टर बनीं. इतना ही नही नसरीन भारती ने प्रदेश के सेवारत चिकित्सक संघ की संस्थापक सदस्य और महासचिव जैसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का पद भी संभाला.
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डॉ. नसरीन भारती के बाद तो मानों परिवार में डॉक्टर बनने की होड़ सी मच गई. नसरीन भारती ने अपने मामा के पद चिन्हों पर आगे बढ़ी तो उनके पीछे-पीछे उनकी छोटी बहन शाहीना परवेज भी डॉक्टर बनीं. नसरीन भारती और उनकी बहन शाहीन परवेज की शादी भी डॉक्टर से ही हुई हैं.
'बालपन ने देश की सेवा करने की थी इच्छा'
डॉ. शाहीना बताती है कि बचपन से मानव सेवा का भाव मन में था. इसलिए ईश्वर ने उनकी मुराद को पूरा की और आज वो खुद तो डॉक्टर बन चुकी हैं. साथ ही उनके पति और बच्चे भी डॉक्टर बन कर लोगों की सेवा कर रहे हैं. वर्तमान में डॉ. शाहीना परवेज दंत महाविद्यालय में प्रोफेसर एंड हेड ऑफ डिपार्टमेंट के दायित्व को संभाल रही हैं.
वहीं डॉक्टर इकबाल भारती (नसरीन भारती के पति) स्वास्थ्य भवन में एडिशनल डायरेक्टर ब्लाइंडनेस कंट्रोल पद संभाला रहे हैं. इकबाल बताते हैं वर्तमान में भी मुस्लिम समाज में शिक्षा बहुत अभाव हैं. लेकिन अभी भी समाज के लोगों को ओर जागरूक होने की जरूरत है.