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गहलोत 'राज' 1 साल: कैसा रहा बेरोजगारों के लिए ये साल...

प्रदेश में कांग्रेस की गहलोत सरकार अपने कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर जश्न मना रही है. सरकार का दावा है, कि एक साल में सरकार ने जनकल्याण के काम किए, फिर चाहे बेरोजगारों को रोजगार देने की बात हो या फिर कोर्ट में अटकी नौकरियों का, लेकिन क्या वाकई सरकार ने बेरोजगारों को रोजगार दिया. देखिये गहलोत 'राज' एक साल पर स्पेशल रिपोर्ट...

गहलोत सरकार के एक साल, one year of gehlot government
कैसा रहा बेरोजगारों के लिए गहलोत राज का एक साल

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Published : Dec 11, 2019, 5:55 PM IST

जयपुर.राजस्थान की गहलोत सरकार के तीसरे कार्यकाल का एक साल पूरा होने जा रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट भाषण में कहा था, कि प्रदेश के युवाओं को हर साल 75 हजार नौकरी दी जाएगी. बजट घोषणा के क्रियान्वयन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमिटी बनी. अब एक साल पूरा होने पर सरकार का दावा है, कि प्रदेश के युवाओं से किया वादा पूरा किया गया है. सरकार ने एक साल में 29 हजार से ज्यादा अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी है. 31 हजार से ज्यादा परिणाम जारी कर दिए, जिन्हें भी जल्द नियुक्ति मिल जाएगी.

कैसा रहा बेरोजगारों के लिए गहलोत राज का एक साल

हालांकि जिस तरह से सरकारी भर्तियां कोर्ट में अटक जाती है. उसको लेकर सीएम गहलोत चिंता भी जता चुके हैं. हाल ही में सीएम गहलोत ने सचिवालय कर्मचारी संघ के शपथ ग्रहण समारोह में भी इस बात को माना था, कि सरकारी भर्तियां कोर्ट में अटक रहीं हैं. जिसके चलते युवाओं को लाभ नहीं मिल पा रहा है. हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोर्ट में अटक रही भर्तियों को जल्द बहाल कराने के लिए मुख्य सचिव को निर्देश भी दिए, लेकिन आंकड़ों पर नजर डालें तो वो भी कम डरावने नहीं हैं.

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  • आरएएस मुख्य परीक्षा हुए 4 महीने हो गए हैं. राजस्थान हाईकोर्ट की मुख्य परीक्षा के परिणाम निकालने पर रोक कायम है.
  • पंचायती राज एलडीसी भर्ती 2013, पंचायतराज विभाग की ओर से 6 साल पहले कनिष्ठ लिपिक सीधी भर्ती के 10,029 खाली पदों पर भर्ती प्रकिया शुरू नहीं हो पाई, जो लंबे समय तक अटकी है, जबकि मुख्यमंत्री ने जल्द से जल्द भर्ती प्रक्रिया पूरा करने की घोषणा की थी.
  • 5000 प्राध्यापक (स्कूल शिक्षा) के पदों पर भर्ती परीक्षा 2 साल से नहीं हो पाई है. आरपीएससी फर्स्ट ग्रेड टीचर एग्जाम की तारीख भी लगातर आगे खिसकती जा रही है.
  • आरपीएससी द्वारा संस्कृत शिक्षा विभाग में वरिष्ठ अध्यापकों के पदों पर भर्ती की इस परीक्षा में कुल 1,96,672 अभ्यर्थी अभी पंजीकृत किए गए हैं. परीक्षा का समापन 20 फरवरी को और अंतिम परिणाम भी जारी कर दिया है. अभी तक सत्यापन का काम बाकी है.
  • राजस्थान लोकसेवा आयोग के तहत PRO भर्ती 2018 की परीक्षा 22 अक्टूबर को हुई. जिसका अंतिम परिणाम बाकी है.
  • पुस्तकालय अध्यक्ष भर्ती 2018 के तहत 700 पदों पर परीक्षा होना बाकी है.
  • एएनएम भर्ती 2013 के कुल पद 12,278 के लिए 5,529 पदों की पहली लिस्ट जारी कर दी है, जबकि दूसरी 6,719 पदों की लिस्ट का इंतजार है.
  • जीएनएम नर्सिंग भर्ती 2013 में अधिशेष रहे 1445 पदों पर एक और लिस्ट जारी होना बाकी है.
  • रीट शिक्षक भर्ती 2018 लेवल 2 के 3500 से ज्यादा पदों पर लिस्ट आना बाकी है, जिसके लिए बेरोजगार लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं.
  • 33,000 पदों पर विद्यालय सहायक भर्ती सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.
  • एसआई भर्ती 2016 फिजिकल का परिणाम आना बाकी है.
  • वन रेंजर भर्ती 2018 आवेदन प्रक्रिया एवं परीक्षा तिथि घोषणा बाकी है.
  • PTI शिक्षक भर्ती 2018 की नियुक्ति प्रक्रिया बाकी है.
  • पशुधन सहायक भर्ती 2018 की अंतिम परिणाम व नियुक्ति प्रक्रिया बाकी है.
  • एलडीसी भर्ती 2018 दस्तावेज सत्यापन व फाइनल परिणाम की प्रक्रिया बाकी है.
  • महिला सुपरवाइजर, कृषि पर्यवेक्षक प्रयोगशाला सहायक, महिला सुपरवाइजर आंगनबाड़ी और एनटीटी का फाइनल परिणाम आना बाकी है.
  • स्टेनोग्राफर फार्मासिस्ट भर्ती की परीक्षा के आवेदन ले लिए लेकिन तिथि जारी होना बाकी है.
  • एएसओ भर्ती परीक्षा 2018 का परिणाम जारी होना बाकी है.
  • एसआई भर्ती 2016 टेक्निकल विभाग दूरसंचार आवेदन प्रक्रिया पूरी लेकिन परीक्षा तिथि अभी तक जारी नहीं हुई है.

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75 हजार पदों पर भर्तियों का वादा पूरा नहीं
प्रदेश में करीब 20 से ज्यादा विभागों की भर्तियां अधूरे में अटकी हुई हैं. इनमें से ज्यादातर तो कानूनी पेचीदगियों में फंसी हुई हैं और बाकी में अधिकारियों की ओर से बरती जा रही लापरवाही के चलते अधूरी पड़ी हैं. युवा बेरोजगारों का आरोप है, कि प्रदेश में 1 लाख से ज्यादा भर्तियां अधूरी पड़ी है. यहीं नहीं प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को रोडवेज किराया माफ करने की घोषणा की गई थी, लेकिन आज भी वादा अधूरा है. बेरोजगार एकीकृत महासंघ की नाराजगी है, कि बेरोजगार विरोध प्रदर्शन करते हैं तो सरकार नाराजगी जताती है, लेकिन सरकार ने बजट में 75000 पदों पर भर्तियां निकालने का वादा किया था. जो आज भी अधूरा है. राजस्थान पुलिस और पटवार के अलावा किसी भी भर्ती का विज्ञापन जारी नहीं हुआ है.

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नौकरी के लिए सड़कों पर बेरोजगार
युवा बेरोजगार नौकरी नहीं मिलने पर लगातार सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. नौकरी के लिए युवा बेरोजगार सड़कों पर उतरे तो मुख्यमंत्री ने बेरोजगार संगठन चला रहे बेरोजगारों पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए तीखा हमला बोला, लेकिन जिस तरह से प्रदेश की ज्यादातर भर्तियां अधूरी पड़ी है, उससे ये सवाल भी उठ रहे हैं, कि आखिर युवा बेरोजगारों ने 'एक साल में क्या खोया और क्या पाया.

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