जयपुर. प्रदेश में करीब ढाई महीने की अवधि के बाद सोमवार से फिर से होटल और रेस्टोरेंट व्यवसाय शुरू होगा. बता दें कि इससे प्रत्यक्ष रूप से जुड़े करीब 50 लाख लोगों को रोजगार भी मिल पाएगा. हालांकि लंबे चले लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए अगले 1 साल तक ये व्यवसाय लड़खड़ा कर ही चलेगा. यही कारण है कि व्यवसाय से जुड़े लोग अब प्रदेश सरकार से कुछ राहत की मांग कर रहे हैं, ताकि इस व्यवसाय को भी संजीवनी मिल सके.
इसी कड़ी में राजस्थान होटल एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हुसैन खान ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने इस व्यवसाय पर आए संकट और आगे रहने वाली स्थिति को लेकर विस्तार से प्रकाश डाला.
पर्यटन पर टिका है होटल व्यवसाय और पर्यटन है पूरी तरह ठप
राजस्थान होटल एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एच खान के अनुसार राजस्थान में पर्यटन व्यवसाय जितना अधिक फलता फूलता है, उसके साथ ही होटल इंडस्ट्री भी आगे बढ़ती है. कोरोना संक्रमण काल के चलते बीते करीब 3 महीने से पर्यटन गतिविधियां लगभग बंद हैं. अब जब कुछ ऐतिहासिक किले और मॉन्यूमेंट आम दर्शकों के लिए खोले गए हैं तब भी इन्हें देखने के लिए बाहरी राज्यों से कोई पर्यटक या सेनानी नहीं आएगा. विदेशी प्रेरकों की फिलहाल देश में लगभग नो एंट्री ही है. ऐसे में इसका सीधा असर होटल और रेस्टोरेंट इंडस्ट्री पर पड़ना तय है.
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लाभ की स्थिति दूर की बात, मेंटेनेंस का खर्चा निकलना होगा मुश्किल
खान के अनुसार बीते ढाई महीने से बंद पड़े होटल रेस्टोरेंट्स संचालकों की आर्थिक रूप से कमर टूट चुकी है. होटल के मेंटेनेंस में जो खर्चा लगता है वो जारी है, लेकिन ग्राहकी उसकी तुलना में आगे भी नहीं के बराबर रहेगी. ऐसी स्थिति में होटलों के बिजली, पानी के बिल और लोन की किश्ते और उस पर लगने वाला ब्याज निकाल पाना ही बहुत मुश्किल हो गया है. वहीं होटलों में जो स्टाफ रखा हुआ है उनके वेतन का इंतजाम करना भी कई होटल संचालकों के लिए मुश्किल हो गया है.
सरकार से मांगी ये छूट, ताकि मिले कुछ राहत
ईटीवी भारत से खास बातचीत में खान ने बताया कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री और प्रदेश सरकार के नुमाइंदों से ज्ञापन देकर आग्रह किया है. जिसमें उन्होंने कहा कि होटल और रेस्टोरेंट व्यवसायियों को प्रदेश सरकार के स्तर पर कुछ छूट दे दी जाए, ताकि ये व्यवसाय वापस से खड़ा हो सके. ये हैं मांगें...
1. होटल व रेस्टोरेंट व्यवसाय को उद्योग का दर्जा मिले.