जयपुर. विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने शुक्रवार को निर्देश दिये कि सभी चुने हुए जनप्रतिनिधियों को राजकीय शिलान्यास एवं लोकार्पण समारोह में सहसम्मान आमंत्रित करने के लिए एक प्रोटोकोल तय किया जाये. उन्होंने कहा कि इस संबंध में मुख्य सचिव स्तर पर शीघ्र एक बैठक बुलाकार इसके लिए सभी आवश्यक दिशा-निर्देश निर्धारित किये जाये. वहीं प्रशासनिक सुधार विभाग के मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को सहसम्मान आमंत्रित करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है.
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सीपी जोशी शून्यकाल में विधायक राजेन्द्र राठौड़ द्वारा रखे गये ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का राज्य सरकार की ओर से जवाब के दौरान कहा कि यह सही है कि इस संबंध में पूर्व में अनेक परिपत्र जारी किये गये लेकिन आज तक इस संबध में कोई नोडल अधिकारी बनाकर किसी की जिम्मेदारी तय नहीं की गई. उन्होंने बताया कि अब इस संबंध में मुख्य सचिव के स्तर पर आयोजित बैठक में संसदीय कार्य मंत्री, मुख्य सचेतक, प्रतिपक्ष के नेता एवं सत्तापक्ष के पार्टी के अध्यक्ष आदि मिलकर संसदीय प्रणाली के सम्मान को बनाये रखने पर विचार करें. साथ ही अब तक इस संबंध में जारी परिपत्रों में जो भी कमियां है, उनमें सुधार करना होगा. जनप्रतिनिधियों को शिलान्यास एवं लोकापर्ण समारोह में आमंत्रित करने के लिए किस विभाग के किस अधिकारी की अथवा कलेक्टर में से किसकी जिम्मेदारी होगी यह भी तय करना होगा.
इससे पहले प्रशासनिक सुधार एवं समन्वय मंत्री शांति कुुमार धारीवाल ने कहा कि सभी जनप्रतिनिधियों एवं सदस्यों का सम्मान रहे इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है. उन्होंने बताया कि यह सही है किसी भी शिलान्यास अथवा लोकापर्ण कार्यक्रम में नहीं बुलाने पर जनप्रतिनिधी किसको शिकायत करें अथवा कार्यक्रम का कौन नोडल अधिकारी है यह मालूम नहीं है. उन्होंने कहा कि विधायक लाडपुरा द्वारा इस संबंध में शिकायत करने पर मैंने तत्काल संबंधित अधिकारी को निलंबित किया हैं.
उन्होंने आश्वस्त किया कि जो भी कार्यक्रम राजकीय कोष से आयोजित होगा उसमें जनप्रतिनिधियों का सम्मान हो यह सुनिश्चित किया जायेगा. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी शिलान्यास अथवा लोकार्पण की शिला पट्टिका में केवल उदघाटनकर्ता एवं अध्यक्षता करने वाले जनप्रतिनिधी का ही नाम दर्ज किया जायेगा. प्रारंभ में धारीवाल ने विधायक राजेन्द्र राठौड़ द्वारा प्रतिपक्ष विधायकों को सरकारी समारोह में आमंत्रित नहीं करने एवं उनके विशेषाधिकारों के हनन होने से उत्पन्न स्थिति के संबंध में रखे गये ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर अपने लिखित वक्तव्य में बताया कि राजकीय भवनों के शिलान्यास एवं उद्घाटन कार्यक्रमों व अन्य राजकीय समारोह जो राजकीय धनराशि से आयोजित हों, उनमें जनप्रतिनिधियों (यथा-सांसद, विधायक आदि) को आवश्यक रूप से आमंत्रित किये जाने के सम्बंध में प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा दिनांक 17 फरवरी 2020 को दिशा-निर्देश जारी किये गये है.
उन्होंने कहा कि इन आदेशों एवं निर्देशों का उल्लघंन करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का प्रावधान है. उक्त आदेशों की पालना हेतु विभाग द्वारा दिनांक 02 दिसम्बर 2020 को समस्त जिला कलक्टरों को पुनः लिखा गया है. धारीवाल ने बताया कि जनप्रतिनिधियों से प्राप्त पत्रों पर त्वरित कार्यवाही के संबंध मे विभाग द्वारा दिनांक 23 सितम्बर 2020 को परिपत्र जारी किया गया है तथा इस संबंध में जारी दिशा-निर्देशों की पालना सुनिश्चित किये जाने के लिए समस्त विभागों तथा जिला कलेक्टर्स को दिनांक 12 फरवरी 2020 को पुनः निर्देशित किया गया है.
उन्होंने बताया कि विधायक विकास कोष से विकास कार्यों की विधायकों द्वारा अभिशंषा उपरान्त 6 माह तक स्वीकति जारी नहीं करने के संबंध में समस्त जिला कलेक्टर्स को तथा विधायक कोष से क्रय किये जाने वाले चिकित्सा उपकरणों का क्रय नहीं किये जाने के संबंध में प्रमुख शासन सचिव, चिकित्सा विभाग को नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही हेतु लिखा गया है.