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Ring Road Jaipur: दक्षिणी रिंगरोड के क्लोवर लीफ की जमीन का नहीं अता-पता, उत्तरी रिंग रोड भी दूर की कौड़ी

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Published : Dec 27, 2021, 8:37 PM IST

Updated : Dec 27, 2021, 10:23 PM IST

दक्षिणी रिंग रोड पर वाहन का संचालन साल 2020 से शुरू कर दिया गया था. हालांकि यहां अभी भी क्लोवर लीफ का निर्माण नहीं हो पाया है. ऐसे में उत्तरी रिंग रोड योजना (Northern Corridor of Ring Road Jaipur) के मूर्त रूप लेने की बात करना ही बेमानी है. यह योजना अभी भी कागजों में ही है.

Ring Road Jaipur
दक्षिणी रिंगरोड

जयपुर. शहर में भारी वाहनों के प्रवेश को रोकने के लिए 2011 में दक्षिणी रिंग रोड का काम शुरू हुआ था. 2020 में इस पर वाहनों का संचालन तो शुरू हुआ, लेकिन यहां अभी भी क्लोवर लीफ का निर्माण नहीं किया जा सका है. वहीं राज्य सरकार ने आगरा रोड से दिल्ली रोड तक 45 किलोमीटर लंबी उत्तरी रिंग रोड को लेकर जमीन अवाप्त करने की प्लानिंग की थी. लेकिन इस योजना की फाइल फिलहाल धूल फांक रही है.

रिंग रोड परियोजना के दक्षिणी कॉरिडोर (Southern Corridor of Ring Road Jaipur) की तर्ज पर ही उत्तरी कॉरिडोर के लिए जमीन अवाप्त कर करीब 3000 करोड़ की लागत से 45 किलोमीटर लंबी रिंग रोड तैयार की जाएगी. आगरा रोड-दिल्ली रोड कॉरिडोर को मूर्त रूप देने के लिए जेडीए अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे. लेकिन योजना फाइलों में दबी रह गई. हालांकि बीते दिनों सरकार के 3 साल की उपलब्धियां गिनाते हुए यूडीएच मंत्री में उत्तरी रिंग रोड का जिक्र जरूर किया.

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हालांकि उत्तरी रिंग रोड को लेकर सैद्धांतिक स्वीकृती (Northern Corridor of Ring Road approved) मिल चुकी है. लेकिन एनएचएआई से अभी तक प्रोजेक्ट को हरी झंडी नहीं मिली है. उधर, सवाल दक्षिणी रिंग रोड के क्लोवर लीफ को लेकर भी उठ रहे हैं. बीते साल अजमेर रोड, टोंक रोड और आगरा रोड को जोड़ने वाले रिंग रोड को क्लोवर लीफ बनने तक सर्विस लेन से जोड़ा गया. यहां अजमेर रोड और टोंक रोड पर क्लोवर लीफ बनाने के कार्य आदेश एनएचएआई ने दे दिए. लेकिन आगरा रोड पर जमीनी समस्या बरकरार है. आगरा रोड पर जमीन अवाप्त करने का प्रकरण उच्च न्यायालय में विचाराधीन है. इसमें महाधिवक्ता जेडीए की तरफ से पैरवी कर रहे हैं.

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आपको बता दें कि अजमेर रोड से आगरा रोड तक वाया टोंक रोड को क्रॉस करते हुए बनाई गई रिंग रोड में हाईवे पर क्लोवर लीफ बनाए जाने हैं. सामान्यतया किसी एक दिशा से अन्य दिशा में जाने के लिए ट्रैफिक लाइट मिलती है. जिससे प्रदूषण भी होता है और वाहन चालक का समय भी खराब होता है. साथ ही यहां पर दुर्घटनाओं की भी संभावना रहती है. क्लोवर लीफ इस तरह का फ्लाईओवर है, जिसमें किसी भी दिशा में जाने के लिए सामने से आते हुए ट्रैफिक को फेस नहीं करना पड़ता और ना ही ट्रैफिक लाइट की आवश्यकता होती है. क्लोवरलीफ के माध्यम से ट्रैफिक निर्बाध चलता रहता है. ये फ्लाईओवर फूल की पत्ती के रूप में नजर आता है.

Last Updated : Dec 27, 2021, 10:23 PM IST

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