जयपुर. परिवहन विभाग में दलालों के माध्यम से पिछले 4 महीने से अवैध वसूली का खेल चल रहा था. जिसको रविवार देर रात को एसीबी ने उस खेल का पर्दाफाश कर दिया. जिसमें आरोपियों को निरूद्ध कर उनके घर की तलाशी ली गई. साथ ही इंस्पेक्टर उदयवीर और 1 दलाल को एसीबी ने गिरफ्तार किया गया है. वहीं अवैध वसूली के खेल में अभी और लोगों के नाम उजागर होने की संभावना है.
बता दें कि दलालों के हर दिन के मूवमेंट और बातचीत पर एसीबी के डीजी आलोक त्रिपाठी और आईजी दिनेश एमएन की पूरी नजर थी. 4 महीने तक दलालों के फोन को सर्विलांस पर लेने के बाद एसीबी ने 30 से ज्यादा अधिकारी की सूची तैयार की थी. जिसमें उनका नाम था, जो अधिकारी दलालों के संपर्क में थे और कमर्शियल वाहनों के मालिकों को धमकाकर वसूली करते थे.
ऐसे होता था दलाली का खेल
बता दें कि दलाल इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों को वसूली की राशि देता था. इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी उसे उच्च स्तर के अधिकारियों तक पहुंचाते थे. एसीबी विभाग के द्वारा देर रात रविवार को हुई कार्रवाई में आठ अधिकारियों पर सर्च कार्रवाई के बाद तीन अधिकारी तो फरार भी हो गए. 7 अधिकारी एसीबी के रडार पर हैं. इनके खिलाफ एसीबी के पास सबूत भी बताया जा रहा है. दलालों और अधिकारियों के बीच हुई बातचीत में कई बड़े अफसरों का नाम लिया जा रहा है. जिसमें अधिकारी इन तक भी पैसा पहुंचाने की बात कह रहे हैं.
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एसबी को पता चला था कि दलाल मनीष मिश्रा 16 फरवरी को वसूली की राशि इंस्पेक्टर उदयवीर को देगा. एसीबी ने 20 से ज्यादा अफसर और दलालों पर सर्च कार्रवाई का निर्णय लिया. डीजी और एडीजी के नेतृत्व में 18 टीमें बनाकर एक साथ सर्च किया गया. जिसमे दलाल मनीष ने उदयवीर को बंधी के 40 हजार रुपए दिए तो उसे पकड़ लिया. जिसके बाद बाकी बचे अधिकारियों के घर पर देर रात तक सर्च अभियान चलाया गया.