जयपुर.धरती धोरा री, आन, बान और शान, देवा वीरा गाथा, म्हारो राजस्थान. राजस्थान की वीर भूमि की माटी रणबांकुरों के बलिदान को लेकर ही नहीं, बल्कि देवी-देवताओं के तप और त्याग के बलिदान को लेकर भी जानी जाती है. ऐसे में राम नाम पर मर मिटने वालों राजस्थान के लोगों के लिए ये बड़े सौभाग्य की बात है कि राम मंदिर के निर्माण में राजस्थान के वीरों की भूमि के बालू मिट्टी का एक-एक कण मंदिर को सुशोभित करेगा.
इसके लिए ट्रस्ट ने राजस्थान के प्रमुख मंदिर और तीर्थ स्थलों को चुना है. जहां से मिट्टी और सिंदूर अयोध्या भिजवाया जा रहा है. वहीं प्रांत संरक्षक विश्व हिंदू परिषद का प्रतिनिधि मंडल छोटी काशी से विख्यात धार्मिक नगरी जयपुर, जोधपुर और वीरों की भूमि चितौड़ प्रांत से प्रमुख धार्मिक स्थलों की मिट्टी और जल को अयोध्या लेकर जाएंगे. इसके लिए तीर्थ स्थलों से प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
राम मंदिर के निर्माण में छोटी काशी जयपुर से प्रथम पूज्य मोती डूंगरी गणेश मंदिर और आराध्य देव गोविंद देव जी मंदिर की मिट्टी और सिंदूर अयोध्या भिजवाया जा रहा है. यहां की रज मंदिर की नींव में शामिल करना बेहद शुभ है. रज के साथ सिंदूर और अन्य सामग्री भी दी है. ऐसे में जयपुरवासियों के साथ साथ संत-महंतों ने गौरवान्वित होते हुए जल्द से जल्द भव्य विशाल राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होने की कामना की है.
राजधानी के संत-महंतों ने इस पहल पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि देश भर के तीर्थ स्थलों की मिट्टी नींव में सम्मिलित होना बड़े सौभाग्य की बात है. राजस्थान की वीरों की धरा को भी इसका पुण्य प्रताप मिलना प्रदेशवासियों के लिए गौरवमयी होगा. आपको बता दें कि राजस्थान के मुख्य तीर्थ स्थान, जिनकी अखिल भारतीय और राज्य स्तरीय पहचान है. ऐसे में 121 पवित्र धार्मिक स्थानों की पवित्र रज (मिट्टी) 25 जुलाई को अयोध्या भेजी जाएगी.