जयपुर.विधायक खरीद-फरोख्त प्रकरण की जांच कर रही राजस्थान एसओजी द्वारा गत दिनों पूर्व दर्ज किए गए 3 प्रकरणों में से राजद्रोह की धारा हटा ली गई है. एसओजी की ओर से प्रकरण में से राजद्रोह की धारा हटाने और इसके साथ ही एसओजी के वकील द्वारा मंगलवार को हाईकोर्ट में ये कहने की प्रकरण प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत आता है. इसलिए एसओजी में दर्ज मुकदमों को एसीबी में जांच के लिए ट्रांसफर किया जाए.
राजद्रोह की धारा हटते ही किन-किन कयासों को मिला बल
राजस्थान एसओजी ने विधायक खरीद-फरोख्त को लेकर पिछले दिनों दर्ज किए गए 3 मामलों से राजद्रोह की धारा हटा ली है. राजद्रोह की धारा के तहत दर्ज किए गए मामले पर विधायक भंवरलाल शर्मा ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. साथ ही पूरे प्रकरण की एनआईए से जांच करवाने की मांग की थी.
बताया जा रहा है कि एसओजी ने एफआईआर दर्ज करने के बाद राजद्रोह की धारा के तहत ही विधायकों और सचिन पायलट को नोटिस जारी किया था. जिसे लेकर सचिन पायलट ने कड़ी आपत्ति भी जताई थी. वहीं राजस्थान एसओजी द्वारा राजद्रोह के तहत धारा 124-ए के तहत दर्ज किए गए प्रकरण को विधायक भंवर लाल शर्मा द्वारा राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी गई. इसके साथ ही विधायक भंवरलाल शर्मा ने पिटीशन फाइल करते हुए एसओजी में दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने और इस पूरे प्रकरण की जांच एनआईए से कराने की मांग की.
ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि यदि इस पूरे प्रकरण को एनआईए को ट्रांसफर कर दिया जाता है, तो ऐसे में गेंद केंद्र सरकार के पाले में चली जाएगी. जिसे देखते हुए इस पूरे प्रकरण से राजद्रोह की धारा को हटा दिया गया. वहीं जिस तरह से आगामी दिनों में विधानसभा का सत्र होने जा रहा है और सत्र में सरकार को विपक्ष ना घेर पाए या और किसी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े, उसे देखते हुए भी राजद्रोह की धारा हटाए जाने की संभावना जताई जा रही है.