जयपुर. एसओजी यानी स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप, जिसका नाम सुनते ही प्रदेश में बड़े-बड़े बदमाशों के हाथ-पांव फूल जाते हैं और घोटालेबाजों के पसीने छूट जाते हैं. उसी एसओजी के आला अधिकारी अब भ्रष्टाचार के गंदे खेल में लिप्त पाए गए हैं.
एसीबी द्वारा एसओजी में फैल रहे भ्रष्टाचार के प्रकरण का हाल ही में खुलासा किया गया है, जिसमें एक क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी से संबंधित प्रकरण की जांच पूरी करने और एफआईआर दर्ज नहीं करने की एवज में एसओजी के एडिशनल एसपी सत्यपाल मिड्ढा द्वारा परिवादी से 2 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी गई. रिश्वत की पहली किस्त 30 लाख रुपए देना तय हुआ, जिसकी डील राजधानी जयपुर में मन्नत टावर नामक एक सोसाइटी में की गई. इसका सत्यापन एसीबी द्वारा किया गया और फिर एसीबी द्वारा एसओजी के अधिकारियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की गई है.
मामला उजागर होते ही सरकार ने लिया एक्शन...
एसीबी द्वारा एसओजी के अधिकारियों के भ्रष्टाचार में लिप्त होने के प्रकरण को उजागर करने के बाद राजस्थान सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एसओजी के एडीजी अनिल पालीवाल का तबादला कर दिया. इसके साथ ही रिश्वत की डिमांड करने वाले एडिशनल एसपी सत्यपाल मिड्ढा को भी एसओजी से हटा दिया गया. आनंदपाल जैसे खूंखार गैंगस्टर का एनकाउंटर करने वाले, विभिन्न क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के अरबों रुपए के घोटालों का खुलासा करने वाले स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के अधिकारी ही जब खुद भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हुए पाए गए तो सरकार ने भी तुरंत एक्शन लेते हुए अधिकारियों के तबादले कर दिए.
एसीबी एडीजी दिनेश एमएन के रडार पर SOG के अधिकारी...