जयपुर.केंद्र सरकार (Central Government) ने दिव्यांगों को नौकरियों में मिलने वाला चार फीसदी आरक्षण कोटा खत्म कर दिया है. इसके तहत दिव्यांगों को पुलिस बल और रेलवे सुरक्षा बल जैसी इकाइयों में नियुक्ति में चार फीसदी आरक्षण का प्रावधान है लेकिन अब इसे खत्म कर दिया गया है. सरकार के इस फैसले का सामाजिक कार्यकर्ताओं ने विरोध किया है.
सामाजिक कार्यकर्ता भरत बेनीवाल का कहना है कि सरकार ने निशक्तजनों को दिव्यांग नाम तो दिया लेकिन उनके लिए कुछ खास काम किया नहीं गया. अब पुलिस और अर्धसैनिक बलों में नौकरी के लिए मिलने वाले चार फीसदी आरक्षण को खत्म कर सरकार ने इन दिव्यांगों के हितों पर कुठाराघात किया है.
सरकारी नौकरियों में 4 प्रतिशत आरक्षण खत्म करने पर रिएक्शन उनका कहना है कि पुलिस और अर्धसैनिक बलों में ग्राउंड ड्यूटी के अलावा कई ऑफिस के काम भी होते हैं. जिन्हें दिव्यांग कर सकते हैं. सरकार को ऐसी नौकरियों में दिव्यांगों को आरक्षण देना चाहिए.
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वहीं दिव्यांगों के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे बाबूलाल मीना भी केंद्र सरकार के इस फैसले को सही नहीं मानते हैं. उनका कहना है कि दिव्यांगों के साथ प्रकृति ने अन्याय किया है. इसीलिए उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए आरक्षण जैसी व्यवस्था लागू की गई है लेकिन पुलिस और अर्धसैनिक बलों से जुड़ी नौकरियों में मिलने वाला चार फीसदी आरक्षण खत्म करना दुर्भाग्यपूर्ण है. उनका कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) को यह फैसला तत्काल वापस लेना चाहिए.
बता दें कि सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार सेक्शन 34 के सब सेक्शन (1) के तहत दिव्यांगों को मिलने वाले आरक्षण से कुछ सेवाओं को बाहर कर दिया गया है. उनके काम की प्रकृति को देखते हुए यह फैसला लिया गया है.