जयपुर.राजधानी जयपुर के पहाड़गंज इलाके के रहने वाले समाजसेवी हाजी रफत का सोमवार को निधन हो गया. रफत को सोमवार को चार दरवाजा स्थित मौलाना जियाउद्दीन की दरगाह में सुपुर्द-ए-खाक किया गया. इस दौरान उनके नमाजे जनाजा में हजारों की तादाद में लोग पहुंचे, जिसके कारण कोरोना गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ी.
जयपुर: समाजसेवी हाजी रफत को किया गया सुपुर्द-ए-खाक, कोरोना प्रोटोकॉल की उड़ी धज्जियां
समाजसेवी हाजी रफत का सोमवार को निधन हो गया. रफत को सोमवार को चार दरवाजा स्थित मौलाना जियाउद्दीन की दरगाह में सुपुर्द-ए-खाक किया गया. वहीं, उनकी आखिरी विदाई में हजारों लोग पहुंचे, जिससे कोरोना गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ी.
वहीं, नमाजे जनाजा में लोगों की भीड़ को देखते हुए कई थानों का अतिरिक्त पुलिस जाप्ता बुलाया गया, लेकि पुलिस की अपील का असर नहीं हुआ. सोशल डिस्टेंसिंग और कोविड प्रोटोकॉल की जमकर धज्जियां उड़ाई गई. वहीं, आदर्श नगर विधायक रफीक खान और किशनपोल विधायक अमीन कागजी भी नमाजे जनाजा में शिरकत करने के लिए पहुंचे. सीएम अशोक गहलोत ने भी समाजसेवी हाजी रफत के निधन पर संवेदनाएं व्यक्त किया.
भाजपा ने सरकार पर साधा निशाना
कोरोना प्रोटोकॉल की पालना नहीं होने पर भाजपा विधायक अशोक लाहोटी ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. लाहोटी ने गहलोत सरकार पर तुष्टीकरण का आरोप लगते हुए कहा कि आम इंसान की मौत पर अंतिम संस्कार में 20 लोगों की मंजूरी दी गई है और अधिक होने पर कार्रवाई करने का प्रावधान है. लेकिन रामगंज में निकाली गई हाजी रफत की अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोग जुटे. खुद कांग्रेस के विधायक अमीन कागजी और रफीक खान भी मौजूद रहे. लेकिन सरकार ने कोरोना प्रोटोकॉल तोड़ने वालों पर कार्रवाई नहीं की.