जयपुर. सवाई मानसिंह अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज चल रहा है लेकिन इस दौरान मेडिकल बायो वेस्ट का निस्तारण किस तरह किया जाए, यह अस्पताल के लिए एक समस्या बनी हुई है. हालांकि, अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मेडिकल बायो वेस्ट को लेकर अस्पताल में एक अलग से कमेटी बनाई गई है, जो सिर्फ बायो वेस्ट से जुड़ा काम कर रही है.
सवाई मानसिंह अस्पताल के पूर्व अधीक्षक डॉ. डी एस मीणा के निर्देश पर अस्पताल में एक चिकित्सकों की टीम बनाई गई है, जो सिर्फ कोरोना संक्रमण काल के दौरान अस्पताल से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट को लेकर काम कर रही है. इस दौरान मीणा ने यह भी बताया कि कोरोना संक्रमण के दौरान इससे निकलने वाले मेडिकल वेस्ट को डिस्पोज करना अस्पताल के लिए इस समय सबसे बड़ी चुनौती है लेकिन अस्पताल लगातार नगर निगम के अधिकारियों से संपर्क बनाए हुए हैं. जिससे सुरक्षित तरीके से मेडिकल वेस्ट को डिस्पोज किया जा सके.
SMS के सामने बायो वेस्ट निस्तारण की समस्या हर दिन 200 किलो से अधिक निकल रहा मेडिकल वेस्ट
जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल से हर दिन करीब 200 किलो से अधिक मेडिकल वेस्ट निकल रहा है. इसके लिए अस्पताल के बाहर एक अलग से मेडिकल बायो वेस्ट केंद्र बनाया गया है. जिससे अन्य कोई मरीज या अस्पताल कर्मी मेडिकल वेस्ट के संपर्क में आकर संक्रमित नहीं हो सके.
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वहीं हर दिन नगर निगम की ओर से इस मेडिकल वेस्ट का निस्तारण किया जाता है. नगर निगम ने एक प्राइवेट कंपनी इंस्ट्रोमेडिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को इसका टेंडर दिया है, जहां मेडिकल बायोवेस्ट का निस्तारण किया जा रहा है.
अस्पताल लगाएगा खुद का प्लांट
SMS कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भंडारी ने बताया कि इस दौरान मेडिकल वेस्ट को लेकर विशेष सावधानी बरती जा रही है. साथ ही आईसीएमआर गाइडलाइन को फॉलो किया जा रहा है. फिलहाल, नगर निगम की ओर से मेडिकल बायो वेस्ट का निस्तारण किया जा रहा है लेकिन जल्दी अस्पताल अपने स्तर पर खुद का प्लांट भी लगाएगा, जहां इस मेडिकल बायो वेस्ट को अस्पताल में ही निस्तारित किया जा सके.
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गाइडलाइन
कोरोना संक्रमण काल के दौरान निकलने वाले मेडिकल बायो वेस्ट को लेकर आईसीएमआर की ओर से गाइडलाइन भी जारी की गई है जिसके तहत कोविड-19 बायोवेस्ट को अन्य दूसरे बायोवेस्ट से अलग एकत्रित किया जाएगा इसके अलावा अस्पताल से निकलने वाला कोविड-19 बायो वेस्ट को अन्य मेडिकल बायो वेस्ट से अलग एकत्रित किया जाएगा. जिससे इसे सावधानीपूर्वक डिस्पोज किया जा सके. वहीं पीपीई किट, मास्क और कोरोना संक्रमित मरीजों के उपयोग में लाई गई अन्य वस्तुओं को 24 घंटे के अंदर निस्तारित किया जाए , यह सभी गाइडलाइन आईसीएमआर की ओर से जारी की गई है. जिससे मेडिकल वेस्ट से संक्रमण का खतरा ना फैले.